अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी कार्यालय में सोमवार (जनवरी 21, 2019) को मीडिया को सम्बोधित करते हुए कहा कि साधु-संतों को हर महीने करीब ₹20 हजार पेंशन दी जाए और प्रदेश में यश भारती व समाजवादी पेंशन भी फिर से शुरू की जाए।
उन्होंने अपने भाषण में कहा कि उन्होंने रामलीला के पात्रों को पेंशन देने की स्कीम शुरू की थी और वो चाहते हैं कि रामलीला करने वालों को भी पेंशन दी जानी चाहिए, जिसके अंतर्गत भगवान राम को भी पेंशन मिलनी चाहिए, माता सीता को भी पेंशन मिलनी चाहिए और इसके बाद अगर कुछ बच जाए तो रावण को भी पेंशन दी जानी चाहिए।
अखिलेश यादव ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान, एक महिला पत्रकार से कहा कि उनके कई पत्रकार मित्र हैं जिन्हें ‘यश भारती सम्मान’ मिला है जिसमें ₹50,000/महीने का प्रावधान है, अगर वो अच्छा लिखेंगी उनके बारे में तो उन्हें भी सम्मान मिलेगा।
“अगर आप अपने कार्य में अच्छी रहेंगी तो कई पत्रकारों को हमने यश भारती सम्मान दिया है, वो ₹50 हजार भी आपको मिल जाएगा, लेकिन इसके लिए आपको समाजवादी पार्टी की स्टोरी अच्छी लिखनी पड़ेगी, अगर आज से आप लिखना शुरू करें तो ढाई साल में इंतज़ाम हो जाएगा कि अगला कोई सम्मान आपको प्राप्त हो जाए, हमारे कई पत्रकार साथियों को ये सम्मान प्राप्त हो चुका है।”
अखिलेश यादव ने कहा कि कुंभ दान का पर्व माना जाता है और केंद्र सरकार को प्रयागराज का अकबर किला यूपी सरकार को दान दे देन चाहिए, इसके बदले सेना को जगह चाहिए तो उसे चंबल में ख़ाली पड़ी जगह पर भेज दें।
गठबंधन पर अखिलेश यादव ने कहा, “नेता जी जहाँ से चाहेंगे, वहाँ से समाजवादी पार्टी चुनाव लड़ेगी। बहुजन समाजवादी पार्टी के नेता और सपा ने सीटों पर विचार किया है, जल्द उसकी जानकारी आप सबको मिल जाएगी।” महागठबंधन के चेहरे के प्रश्न पर सपा अध्यक्ष ने कहा, “भाजपा के पास तो 40 दल जुड़े हैं, अभी तो हमने 20 से 22 ही जोड़े हैं। हमारे पास तो बहुत चेहरे हैं, बीजेपी के पास कोई चेहरा हो तो बताए।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए सपा नेता ने कहा कि देश को अब नए प्रधानमंत्री का इंतजार है। अगर बीजेपी के पास कोई नया पीएम हो तो बताएँ। महागठबंधन से पीएम के उम्मीदवार पर अखिलेश सफाई से सवाल टालते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि ईवीएम की जगह बैलट से चुनाव कराए जाने चाहिए, इससे उनका गुस्सा शांत हो जाएगा।