भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी (BJP Leader Suvendu Adhikari) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West Bengal CM Mamata Banerjee) को चुनौती देते हुए कहा कि राज्य में CAA लागू होकर रहेगा। अगर हिम्मत है तो ममता रोक कर दिखाएँ।
शुभेंदु अधिकारी शनिवार (26 नवंबर 2022) को उत्तर 24 परगना जिले के ठाकुरनगर में बैठक के लिए पहुँचे थे। यह मतुआ बहुल इलाका है, जिनकी जड़ें बांग्लादेश से जुड़ी हैं। यहाँ विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता अधिकारी ने कहा, “CAA अधिनियम यह नहीं कहता कि कानूनी दस्तावेजों वाले किसी निवासी की नागरिकता छीन ली जाएगी।”
सीएम ममता बनर्जी को चुनौती देते हुए उन्होंने आगे कहा, “हमने कई बार CAA के बारे में बात की है। राज्य में सीएए लागू किया जाएगा। अगर आप में हिम्मत है तो इसे लागू होने से रोक कर दिखाएँ।” उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसी का अधिकार छीनने में विश्वास नहीं रखती। ऐसी बातें करने वाले केवल माहौल खराब करना चाहते हैं।
भाजपा नेता ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने साल 2019 का लोकसभा चुनाव जीतने के बाद वादा किया था कि वो कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाएगी। इसे वादे को पूरा किया गया। उसी तरह भाजपा CAA लागू करने के अपने वादे को भी पूरा करेगी।
उन्होंने कहा कि सीएए अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के प्रवासियों को नागरिकता देने की सुविधा प्रदान करता है। उन्होंने यह भी का कि सीएए के नियम अभी तक सरकार द्वारा नहीं बनाए गए हैं, इसलिए फिलहाल किसी को भी इसके तहत नागरिकता नहीं दी जा सकती है।
बता दें कि देश में CAA कानून लागू करने को लेकर भाजपा अपनी प्रतिबद्धता जाहिर कर चुकी है। वहीं, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी स्पष्ट शब्दों में कह दिया था कि इसे लागू होने में भले देरी हो रही है, लेकिन CAA लागू होकर रहेगा।
एक इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा था, “जो लोग CAA लागू नहीं होने का सपना देख रहे हैं वो बहुत बड़ी भूल कर रहे हैं। सीएए कानून लागू करने में देरी हो रही है, क्योंकि अभी इसे लेकर नियम बनाने हैं। इस पर काम होना है।” इसके पहले भी वे इसे लागू करने की बात कई बार कह चुके हैं।
बता दें कि कुछ दिन पहले शुभेंदु अधिकारी ने सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात की थी। इस भेंट को उन्होंने शिष्टाचार भेंट बताया था। हालाँकि, इसको लेकर राजनीतिक अटकलों का बाजार गर्म हो गया था। कहा गया था कि शुभेंदु की TMC में वापस जा सकते हैं। वहीं, ममता बनर्जी ने कहा था, “मैंने शुभेेंदु को चाय पीने के लिए बुलाया था।”
हालाँकि, इस मुलाकात के पीछे यह बात भी आई कि पश्चिम बंगाल भयानक वित्तीय संकट में डूबने जा रहा है। ऐसे में उन्हें केंद्र से मदद की जोरदार दरकार है, लेकिन वे समय-समय पर केंद्रीय बैठकों का बहिष्कार करती रही हैं। ऐसे में वे शुभेंदु अधिकारी के जरिए अपनी बात प्रधानमंत्री मोदी तक पहुँचाना चाह रही हैं। ममता 5 दिसंबर को दिल्ली में पीएम मोदी से मिलने वाली हैं।