जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए निष्प्रभावी करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार को नोटिस भेजकर 7 दिनों के भीतर जवाब माँगा।
इस दौरान नोटिस जारी करने के अलावा सर्वोच्च न्यायालय ने मामले को 5 जजों की संविधान पीठ को सौंपते हुए बताया कि अब अक्टूबर के पहले हफ्ते में इस मामले से संबंधित सभी याचिकाओं पर सुनवाई होगी। जिसकी अगुआई सीजेआई रंजन गोगोई करेंगे।
उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद सर्वोच्च न्यायालय में 14 याचिकाएँ दायर हुई हैं। जिसमें एडवोकेट एमएल शर्मा, पूर्व आईएस अधिकारी शाह फैसल, जेएनयू की पूर्व छात्रा शेहला रशीद और राधा कुमार की याचिका भी शामिल है।
इस सुनवाई के दौरान सबसे पहले कोर्ट ने जामिया में लॉ पढ़ रहे छात्र मोहम्मद अलीम सैयद को उसके माता-पिता से मिलने की इजाजत दी। साथ ही कोर्ट ने सरकार से अलीम की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा।
इसके बाद कोर्ट ने लेफ्ट नेता सीताराम येचुरी की विधायक भाई से मिलने की माँग पर उन्हें भी श्रीनगर जाने की इजाजत दी। लेकिन सीजेआई ने येचुरी से स्पष्ट कहा कि वह वहाँ उन्हें पार्टी नेता यूसुफ तारिगामी से केवल बतौर दोस्त मिलने की इजाजत देंगे, न कि राजनैतिक उद्देश्य से।
Supreme Court said that the visit of Sitaram Yechury should only be to meet party leader Yousuf Tarigami as a friend, and not for any political purpose. https://t.co/mAM0SBAQAD
— ANI (@ANI) August 28, 2019
बता दें कि बुधवार को कोर्ट में हुई सुनवाई में सीजेआई ने कहा भारत के नागरिक के तौर पर हर इंसान को देश के किसी भी हिस्से में घूमने-फिरने की आज़ादी है। वहीं, कुछ दिन पहले भी सर्वोच्च अदालत ने कहा था कि कश्मीर में हालात ठीक करने के लिए कोर्ट सरकार को कुछ और वक्त देना चाहती है