कथित सेक्स सीडी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के कॉन्ग्रेस नेता सीएम भूपेश बघेल को सवालों के साथ राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट मे सुनवाई पर रोक लगाने का आदेश दिया है। CBI ने याचिका दायर करते हुए केस को दिल्ली ट्रांसफर करने की माँग की थी। इस पर कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए सीएम भूपेश बघेल और उनके सलाहकार से जवाब माँगा है।
The Central Bureau of Investigation (CBI), which is the probe agency in the case, contended before the Supreme Court that the witnesses were now being threatened and implicated in false cases. https://t.co/9amVCFcZ3T
— ANI (@ANI) October 21, 2019
सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल पर रोक लगाने का आदेश तो दे दिया है वो बताएँ कि उनके केस की सुनवाई को छत्तीसगढ़ से बाहर क्यों नहीं स्थांतरित किया जाना चाहिए। इस मामले की जाँच कर रही CBI ने सुप्रीम कोर्ट के सामने अपने पक्ष को रखते हुए कहा कि इस मामले में गवाहों को धमकाने के साथ झूठे केसों में फँसाने की धमकी दी जा रही है। बता दें कि कथित सीडी कांड में रिंकू खनूजा की ख़ुदकुशी के बाद CBI ने अप्रत्यक्ष रूप से जाँच में तेज़ी नहीं दिखाई। इस याचिका में CBI ने कैलाश मुरारका और चार अन्य को पक्षकार बनाया गया था।
बता दें कि साल 2017 में अक्टूबर के महीने में कथित सेक्स टेप वायरल हुआ था, जिसमें छत्तीसगढ़ के एक मंत्री का नाम सामने आया था। बाद में इस मामले में एक की गिरफ़्तारी भी हुई थी। मामले ने जब तूल पकड़ता देख राज्य सरकार ने यह मामला CBI को सौंप दिया था। इस बीच सेक्स सीडी कांड से जुड़े रिंकू खनूजा के बाद से इस मामले ने तूल पकड़ लिया था।
ग़ौरतलब है कि कथित सेक्स सीडी कांड में भूपेश बघेल को अलग-अलग धाराओं के तहत आरोपित बनाया गया था। उनके ख़िलाफ़ 120बी, 469, 471 आईटी एक्ट 67ए के तहत मामला दर्ज किया गया था। इसकी जाँच का ज़िम्मा CBI को दिया गया। CBI की स्पेशल कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था, हालाँकि भूपेश बघेल ने ज़मानत लेने से इनकार कर दिया था।