Sunday, September 8, 2024
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कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री DK शिवकुमार को सुप्रीम कोर्ट से झटका, चलती रहेगी आय से अधिक संपत्ति मामले CBI की जाँच: दौलत के 5 साल में ही ₹33 करोड़ से ₹162 करोड़ होने का आरोप

सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और सतीश चन्द्र शर्मा ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कोई राहत नहीं दी। डीके शिवकुमार इस मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट का निर्णय रद्द करने की माँग कर रहे थे। उसने भी उनके खिलाफ केस जारी रखने की अनुमति दी थी।

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कॉन्ग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति माले में CBI जाँच को रद्द करने की माँग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। उनके खिलाफ CBI का मामला अब बंद नहीं होगा।

जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और सतीश चन्द्र शर्मा ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कोई राहत नहीं दी। डीके शिवकुमार इस मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट का निर्णय रद्द करने की माँग कर रहे थे। उसने भी उनके खिलाफ केस जारी रखने की अनुमति दी थी।

हाई कोर्ट ने अपने इस निर्णय में CBI को आदेश दिया था कि वह अपनी जाँच तीन महीने में पूरी कर ले और इसकी रिपोर्ट जमा करे। यह निर्णय नवम्बर, 2023 में हाई कोर्ट ने दिया था। डीके शिवकुमार के खिलाफ CBI यह जाँच 2013 से 2018 के बीच आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में कर रही है।

वह इस दौरान कर्नाटक की कॉन्ग्रेस सरकार में मंत्री थे। यह मामला CBI ने 2020 में दर्ज किया था। इसके बाद डीके शिवकुमार ने इसको चुनौती दी थी। यह पूरा मामला 2017 में चालू हुआ था जब आयकर विभाग ने डीके शिवकुमार के ठिकानों पर छापेमारी की थी।

इस छापेमारी में उनके आय से अधिक सम्पत्ति का पता लगा था। इसके बाद उनके खिलाफ आयकर विभाग ने मामला दर्ज किया था। इसके बाद कर्नाटक सरकार ने इस मामले में CBI जाँच की अनुमति भी दी थी। CBI तब से ही इस मामले में जाँच कर रही है।

CBI से डीके शिवकुमार के खिलाफ जाँच करवाने की अनुमति राज्य की भाजपा सरकार ने दी थी। जब कर्नाटक में कॉन्ग्रेस सत्ता में आई तो उसने CBI से जाँच अनुमति वापस ले ली। इसी आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने इस जाँच को चुनौती दी गई लेकिन शिवकुमार को राहत नहीं मिली।

शिवकुमार के विरुद्ध दर्ज CBI की FIR में कहा गया है कि 2013 में उनके पास ₹33.9 करोड़ की संपत्ति थी लेकिन 2018 आते-आते यह बढ़ कर ₹162 करोड़ से अधिक हो गई। इसी को लेकर आरोप लगाए गए थे।

भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय कॉन्ग्रेस के लिए बड़ा झटका है और अब INC का मतलब आई नीड करप्शन हो चुका है। उन्होंने कहा कि अब कॉन्ग्रेस द्वारा किया गया भ्रष्टाचार सब कहीं उजागर हो रहा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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