गोल्ड स्मलिंग केस (Kerala Gold Smuggling) में केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की संलिप्तता के दावे करने के बाद स्वप्ना सुरेश (Swapna Suresh) ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। केरल हाई कोर्ट में याचिका दायर कर उन्होंने कहा कि विजयन (Pinarayi Vijayan) के सहयोगी ने उनसे मुलाकात कर समझौते का दबाव डाला। ऐसा नहीं करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी।
रिपब्लिक टीवी का कहना है कि इस याचिका की कॉपी उसके पास मौजूद है। इसके अनुसार शाजी किरण नाम का एक व्यक्ति बुधवार (8 जून 2022) को पलक्कड़ स्थित स्वप्ना के ऑफिस में आया था। मुख्यमंत्री विजयन का करीबी बताते हुए उसकी स्वप्ना से मुलाकात करवाई गई। रिपोर्ट के अनुसार इस व्यक्ति ने समझौते करने अथवा गिरफ्तारी के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी।
रिपोर्ट के मुताबिक स्वप्ना ने याचिका में कहा है, “08.06.2022 को शाजी किरण नाम का एक व्यक्ति दोपहर करीब 1.30 बजे पलक्कड़ के मेरे ऑफिस में आया। उसे शिवशंकर ने यह कहकर मिलवाया कि वह पिनाराई विजयन और कोडियेरी बालाकृष्णन का बहुत करीब है। इस व्यक्ति ने मुझे कहा कि वह विजयन के निर्देश पर आया है ताकि इस मुद्दे को सुलझाया जा सके।” याचिका में कहा गया है कि शाजी किरण ने स्वप्ना से सीएम के सामने सरेंडर करने और आरएसएस तथा भाजपा के उकसाने पर उनका नाम लेने की बात कहने को कहा।
गौरतलब है कि सोना तस्करी मामले की मुख्य आरोपित स्वप्ना सुरेश ने 7 जून 2022 को मुख्यमंत्री विजयन पर कई गंभीर आरोप लगाए था। कोच्चि की अदालत में पेशी के बाद उसने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि विजयन डिप्लोमेटिक बैगेज की आड़ में सोने की तस्करी में शामिल थे। उसने कहा, “इस मामले में मैंने अदालत से केरल के मुख्यमंत्री, उनके पूर्व प्रमुख सचिव एम. शिवशंकर, विजयन की पत्नी कमला, बेटी वीणा, उनके अतिरिक्त निजी सचिव सी.एम. रवींद्रन, पूर्व नौकरशाह नलिनी नेट्टो और पूर्व मंत्री के.टी. जलील की संलिप्तता के बारे में भी बताया है। साथ ही मैंने कोर्ट में अपनी सुरक्षा की माँग करते हुए याचिका भी दायर की है।”
इसके बाद सत्ताधारी एलडीएफ के विधायक और पूर्व मंत्री केटी जलील ने सीएम विजयन और उनके परिवार के खिलाफ साजिश का आरोप लगाते हुए स्वप्ना सुरेश के खिलाफ केस दर्ज कराया था। इस मामले में दूसरे आरोपित के तौर पर पूर्व विधायक पीसी जॉर्ज का भी नाम है।
क्या है गोल्ड स्मगलिंग केस
केरल में सोना तस्करी का मामला जुलाई 2020 में सामने आया था। डिप्लोमेटिक बैगेज की आड़ में सोने की तस्करी का मामला स्वप्ना सुरेश से शुरू हुआ और फिर इसके तार मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के दफ्तर तक पहुँच गए। स्वप्ना सुरेश पर आरोप था कि उन्होंने फर्जी डाक्यूमेंट्स पेश कर 2 जुलाई 2020 को ‘डिप्लोमेटिक इम्युनिटी’ का प्रयोग कर खाड़ी देशों से 30 किलो सोने की तस्करी की। इसका खुलासा 6 जुलाई को तब हुआ, जब कस्टम के अधिकारियों ने यूएई कॉन्सुलेट के एक अधिकारी से पूछताछ की, जो PRO के पद पर तैनात था।