आयकर विभाग (IT) के अधिकारियों ने चुनाव आयोग के अधिकारियों के साथ तमिलनाडु में कॉन्ग्रेस की सहयोगी पार्टी द्रमुक के वरिष्ठ नेता दुरईमुर्गन के ठिकानों पर छापा मारा। बता दें कि आगामी लोकसभा चुनाव कॉन्ग्रेस और डीएमके मिलकर लड़ेंगे।
ख़बर के अनुसार, वेल्लोर में डीएमके लीगल सेल के अधिकारियों द्वारा विरोध करने के बावजूद आयकर अधिकारियों ने छापे मारे। डीएमके लीगल सेल के अधिकारियों ने कर विभाग के इलेक्शन सर्विलांस, ज़िला स्टेटिक सर्विलांस और फ्लाइंग स्क्वॉड की टीमों को बिना वारंट तलाशी लेने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।
आईटी अधिकारियों ने दुरई मुरुगन के वेल्लोर निवास पर शनिवार (30 मार्च) को सुबह 10 बजे तक छापे मारे, जिनके बेटे डीएम कथिर आनंद वेल्लोर लोकसभा क्षेत्र में चुनाव लड़ रहे हैं। मुरुगन और उनके बेटे काथिर आनंद के स्वामित्व वाली जगहों जिनमें उनके आवास, किंग्स्टन इंजीनियरिंग कॉलेज और दुरई मुरुगन बी.एड कॉलेज आदि शामिल हैं वहाँ छापे मारे गए।
आईटी विभाग ने कहा कि तलाशी के दौरान 10 लाख रुपए की बेहिसाब नकदी ज़ब्त की गई है। इसके अलावा निवास स्थान से लगभग 19 लाख रुपए नकद बरामद किए गए। शनिवार को आईटी विभाग द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि चुनावी हलफ़नामे में 6 लाख रुपए नकदी घोषित करने का बाद, अतिरिक्त 10 लाख रुपए ज़ब्त किए गए हैं।
Tamil Nadu Cash Seizure | IT sources: Beyond doubt its proved that money belongs to DMK senior leader Duraimurugan. @NairShilpa1308 with details. | #May23WithTimesNow pic.twitter.com/XXY7Egh3Yw
— TIMES NOW (@TimesNow) April 1, 2019
आयकर विभाग ने वेल्लोर में एक सीमेंट गोदाम से भारी मात्रा में नकदी भी बरामद की है। टाइम्स ऑफ इंडिया की ख़बर के अनुसार, 29-30 मार्च की मध्यरात्रि को दुरीमुरुगन कॉलेज से नकदी को यहाँ स्थानांतरित कर दिया गया था।
Tamil Nadu: Income Tax department recovers huge amount of cash from a cement godown in Vellore. The cash was shifted here from Duraimurugan college on March 29-30 midnight, said an I-T official pic.twitter.com/uQMkr9GF4V
— TOIChennai (@TOIChennai) April 1, 2019
इस बीच, दुरई मुरुगन ने आईटी छापे को पूरी तरह से विशुद्ध राजनीतिक करार दिया है। मुरुगन ने कहा कि इसका उद्देश्य चुनाव में उनके बेटे की जीत में बाधा डालना है। मीडिया से बात करते हुए, दुरई मुरुगन ने कहा कि यह पूरी तरह से राजनीति है। यदि आईटी विभाग को इस तरह की छापेमारी करनी थी तो उन्हें यह छापेमारी पिछले महीने ही करनी चाहिए थी। वो इस समय क्यों की गई, हम क़ानूनी रूप से इसका सामना करेंगे।
हालाँकि, आईटी विभाग ने स्पष्ट किया है कि उन्हें वेल्लोर के ज़िला निर्वाचन अधिकारी द्वारा बुलाया गया था और राज्य पुलिस प्रमुख द्वारा जारी आधिकारिक ज्ञापन प्राप्त करने के बाद ही छापेमारी की गई।