दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के मुखिया अरविंद केजरीवाल पर विज्ञापनों पर करोड़ों रुपए खर्च करने का आरोप लगता रहा है। आरटीआई समेत अन्य माध्यमों से इसके सबूत भी सामने आते रहे हैं। ऐसा ही आरोप पंजाब की AAP सरकार पर भी लगा है। सोशल मीडिया पर भाजपा नेताओं से लेकर सामान्य यूजर्स भी पंजाब सरकार पर विज्ञापनों के लिए फेसबुक को 2 करोड़ 27 लाख रुपए देने का आरोप लगा रहे हैं। बड़ी बात यह है कि यह खर्च बीते एक महीने में हुआ है, जिसमें से सबसे अधिक खर्च गुजरात के लोगों को टारगेट करते हुए किया गया है।
In the last one month AAP run Punjab Govt has spent 2.27 crore on Facebook advertisements, of which a staggering 1.58 crore, almost 69%, is targeted at Gujarat! Why are people of Punjab being made to pay for Kejriwal’s Gujarat campaign?
— Amit Malviya (@amitmalviya) October 30, 2022
This is brazen misuse of public funds… pic.twitter.com/dKM8pcA0cH
दरअसल, भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल प्रभारी अमित मालवीय ने भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब की आप सरकार पर वहाँ लोगों के पैसों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा, “पिछले एक महीने में आप (AAP) द्वारा चलाए जा रहे पंजाब सरकार ने फेसबुक विज्ञापनों पर 2.27 रुपए खर्च किए हैं। इसमें से 1.58 करोड़ रुपए, यानी लगभग 69% पैसा गुजरात को टारगेट करते हुए खर्च किया गया है। पंजाब के लोगों को केजरीवाल के गुजरात चुनाव के लिए भुगतान क्यों करना पड़ रहा है। यह सरकारी धन का खुलेआम दुरुपयोग है।”
हालाँकि, यह दावा सिर्फ अमित मालवीय का नहीं था। बल्कि, सोशल मीडिया पर ऐसे हजारों पोस्ट और ट्वीट किए गए हैं। इसलिए ऑपइंडिया ने इस दावे की जाँच करने का फैसला किया। इसके लिए हमने, पंजाब सरकार के फेसबुक पेज पर मौजूद ‘विज्ञापन लाइब्रेरी’ में जाकर पंजाब सरकार द्वारा चलाए जा रहे विज्ञापनों की जानकारी जुटाते हुए तमाम तरह के दावों को वेरिफाई करने का फैसला किया।
पंजाब सरकार के फेसबुक पेज के ‘विज्ञापन लाइब्रेरी’ में दिखाया जा रहा है कि पंजाब सरकार ने 2 अक्टूबर से विज्ञापन चलाना शुरू किया। इसमें 30 दिनों में (29 सितंबर से 28 अक्टूबर के बीच) फेसबुक को सिर्फ विज्ञापन के लिए 2,37,35,527 रुपए (2 करोड़ 37 लाख 35 हजार 527 रुपए) का भुगतान किया है। जबकि, इस दौरान कुल 136 विज्ञापन चलाए गए हैं। इन विज्ञापनों का यदि औसत देखा जाए तो प्रत्येक विज्ञापन में कम से कम 1,74,000 (1 लाख 74 हजार) रुपए से अधिक खर्च किया गया है।
इसके बाद जब हमने बीते एक सप्ताह (22 अक्टूबर से 28 अक्टूबर) की जानकारी देखी तो पता चला कि भगवंत मान सरकार ने एक सप्ताह में 33 विज्ञापनों पर 91,38,039 (91 लाख 38 हजार 39) रुपए खर्च किए हैं।
ऑपइंडिया की अब तक की जाँच में, भाजपा नेताओं व अन्य लोगों द्वारा सोशल मीडिया में किए जा रहे दावे सही पाए गए थे। हालाँकि, इसके बाद भी हमने आगे की जाँच जारी रखी। इसके लिए हमने फिर से बीते 30 दिनों (29 सितंबर से 28 अक्टूबर के बीच) में राज्यों के हिसाब से किए गए खर्चों को लेकर जाँच की। इस जाँच में, सामने आया कि भगवंत मान सरकार ने कुल खर्च राशि का 68.5% केवल गुजरात को टारगेट करते हुए खर्च किया था। जबकि, पंजाब में 29.4%, महाराष्ट्र में 1.1%, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के लिए 0.9-0.9% पैसा खर्च किया गया है।
इसमें से गुजरात के लिए कुल 66 विज्ञापन, पंजाब के लिए 41, महाराष्ट्र के लिए 9 जबकि हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के लिए 20-20 विज्ञापन चलाए गए हैं। इसमें सबसे बड़ी बात यह रही कि विज्ञापन सिर्फ पंजाबी में नहीं, बल्कि हिंदी में भी चलाए गए थे। साथ ही, ऐसे 49 विज्ञापन रहे जिनका कैप्शन गुजराती में था। इसमें से अधिकांश विज्ञापनों में दिल्ली की केजरीवाल सरकार का ‘गुणगान’ किया गया है।
शुरुआती स्तर में यानी जब विज्ञापन शुरू किए गए तब 2 अक्टूबर को विज्ञापनों पर अलग-अलग कैटेगरी में 100 रुपए से लेकर 35-40 हजार रुपए तक खर्च किए गए थे। हालाँकि, इसके बाद 10 अक्टूबर को गुजराती भाषा में कैप्शन और गुजरात को टारगेट कर चलाए गए विज्ञापनों पर खर्च हुई राशि में तेजी से बढ़ोतरी हुई और यह 6-7 लाख रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक पहुँच गया।
इसी प्रकार आगे भी यह राशि घटती और बढ़ती रही। कभी टारगेट ऑडियंस गुजरात से लेकर हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली पंजाब यहाँ तक कि तमिलनाडु और असम जैसे राज्यों तक आम आदमी पार्टी के कार्यों के गुणगान के लिए पंजाब की जनता का पैसा खर्च किया गया है।
फिलहाल, पंजाब सरकार के पेज पर 13 विज्ञापन सक्रिय (एक्टिव) हैं। जिसमें से अधिकांश बार राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली को टारगेट करते हुए विज्ञापन चलाए जा रहे हैं। चूँकि, गुजरात चुनावों की घोषणा अभी तक नहीं हुई है इसलिए अब गुजरात को या तो टारगेट नहीं किया जा रहा है या कम किया जा रहा है।
यदि पेज के आँकड़ों को ध्यान से देखें तो 14 अक्टूबर तक गुजरात को टारगेट करते हुए ही ज्यादातर विज्ञापन चलाए जा रहे थे। लेकिन, 15 अक्टूबर को जब चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनावों की घोषणा की तो उसमें सिर्फ हिमाचल प्रदेश का ही नाम था। ऐसे में, पंजाब सरकार ने न केवल गुजरात को टारगेट करना बंद कर दिया बल्कि फेसबुक को दिए जा रहे विज्ञापन भी पूरी तरह से रोक दिए। 14 अक्टूबर को रुके हुए विज्ञापन 30 अक्टूबर से पुनः शुरू किए गए हैं।
शायद इसलिए ही भाजपा यह आरोप लगा रही है कि पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार यानी मुख्यमंत्री भगवंत मान अपनी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल के इशारे पर गुजरात चुनावों को देखते हुए आम आदमी पार्टी का प्रचार कर रही थी।