यह खबर नई सूचनाओं के आने के बाद अपडेट (02-05-2019, 20:57) की जा रही है। हमने भारती जैन की जिन ट्वीट्स के ऊपर यह आर्टिकल बनाया था, उन्होंने उन ट्वीट्स को डिलीट कर दिया है (हालाँकि आप उन ट्वीट्स को अभी भी नीचे पढ़ सकते हैं) और नीचे लिखे ट्वीट के माध्यम से यह कह कर माफ़ी माँगी है कि उनके पास जो भी सूचनाएँ आई थीं वो पूर्णतः गलत थीं:
This is to acknowledge that my tweets on Prof Amartya Sen with regard to his tenure at Nalanda University were completely incorrect. I was misinformed. My sincere apologies to Prof Sen and everyone else I have named in my tweets.
— Bharti Jain (@bhartijainTOI) May 2, 2019
अमर्त्य सेन ने नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला है। अमर्त्य सेन ने मोदी सरकार के दौरान रोज़गार की कथित रूप से बद्तर हालात को लेकर भाजपा पर निशाना साधा। अमर्त्य सेन ने मोदी मैजिक को बाकी मामलों से ध्यान भटकाने के लिए लाए जाने की बात कही। अमर्त्य सेन की इस टिप्पणी और मोदी सरकार के ख़िलाफ़ उनके द्वारा लगातार दिए जा रहे बयानों को लेकर टाइम्स ऑफ इंडिया की सम्पादक (आतंरिक सुरक्षा) भारती जैन ने उनकी पोल खोलते हुए उन्हें आड़े हाथों लिया। भारती जैन ने अमर्त्य सेन और यूपीए काल में उन्हें मिले पद का जिक्र कर मोदी सरकार के ख़िलाफ़ दिए जा रहे उनके बयानों के कारण गिनाए। भारती ने बताया कि अमर्त्य सेन को 2007 में नालंदा मेंटर ग्रुप का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
Nine years during Manmohan Singh’s tenure, Amartya Sen ran Nalanda University while mostly staying abroad. He appointed seven faculties. Made Nalanda University a 5-star hotel. Total expenditure was stagerring Rs 2729 crores
— Bharti Jain (@bhartijainTOI) April 28, 2019
2012 में अमर्त्य सेन को तत्कालीन यूपीए सरकार द्वारा नालंदा विश्वविद्यालय का प्रथम कुलपति नियुक्त किया गया। उन्हें पाँच लाख रुपए प्रति महीने का वेतन दिया जाता था। बेहिसाब विदेशी दौरे, सीधी नियुक्तियाँ करने का अधिकार सहित उन्हें कई अन्य सुविधाओ से नवाजा गया था। सबसे बड़ी बात कि इतना सब कुछ पाने के बाद भी अमर्त्य सेन कोई काम नहीं कर रहे थे। अपने 9 वर्षों के कार्यकाल में उन्होने अधिकतर नालंदा यूनिवर्सिटी को विदेश में बैठ कर ही चलाया। उन्होंने 7 फैकल्टीज की नियुक्तियाँ की थी। उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय को 5 सितारा होटल बनाकर रख दिया था। भारती ने आगे अमर्त्य सेन की पोल खोलते हुए लिखा कि इस दौरान कुल ख़र्च 2729 करोड़ रुपए से भी पार चला गया।
Two more faculties were appointed, honorary, Daman Singh & Amrit Singh. Middle & youngest daughters of Manmohan Singh..They stayed in USA while drawing salary
— Bharti Jain (@bhartijainTOI) April 28, 2019
सबसे बड़ी बात कि इस दौरान अमर्त्य सेन ने 4 महिला फैकल्टीज की नियुक्तियाँ की। इनके नाम हैं- डॉक्टर गोपा सभरवाल, डॉक्टर अंजना शर्मा, नयनजोत लाहिरी और उपिंदर सिंह। उपिंदर सिंह पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह की बेटी हैं और बाकी तीनों फैकल्टीज उनकी क़रीबी मित्र थीं। डॉक्टर दमन सिंह और डॉक्टर अमृत सिंह के रूप में दो अन्य फैकल्टीज की नियुक्तियाँ की गई। ये दोनों ही डॉक्टर मनमोहन सिंह की बेटियाँ हैं। ये लोग विदेशों में बैठ कर ही सैलरी उठाते रहे। लेकिन, नरेंद्र मोदी के आने के बाद बदलाव आया।
After 2014, when Modi arrived, all these fraud were stopped and Amartya Sen was thrown out of Nalanda University. Since that day Amartya Sen began his trenchant criticism of Modi’s economic agenda.
— Bharti Jain (@bhartijainTOI) April 28, 2019
नरेंद्र मोदी द्वारा सत्ता संभालने के साथ ही इन सभी को बाहर निकाला गया और अमर्त्य सेन को भी यूनिवर्सिटी प्रशासन से निकाल बाहर किया गया। और इसके बाद से अमर्त्य सेन ने मोदी के ख़िलाफ़ ज़हर उगलना शुरू कर दिया। अमर्त्य सेन को अब विदेश में बैठ पर पद, वेतन और सुविधाएँ नहीं मिल रही हैं, इसीलिए उन्हें मोदी सरकार से दिक्कत है। भारती जैन ने अमर्त्य सेन की बख़िया उधेड़ते हुए इन ट्वीट्स में उनकी पोल खोल दी है।