Sunday, November 17, 2024
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दिग्विजय सिंह को ‘कश्मीरी बहू’ ने फटकारा, कहा- हमें छोड़ना पड़ा था घर, दुश्मन देश के पत्रकार के सामने जलील किया

उन्होंने कश्मीरी पंडितों के आरक्षण पर चल रही बातों को तर्कहीन करार देते हुए कहा कि उन्हें कभी आरक्षण मिला ही नहीं। साथ ही उन्होंने पूछा कि उन्हें समझ ही नहीं आ रहा है कि ये मामला उठाया क्यों जा रहा है।

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद-370 के प्रावधानों को पुनः बहाल करने की ओर इशारा किया था। कॉन्ग्रेस नेता ने एक पाकिस्तानी पत्रकार से कहा था कि उनकी पार्टी की सरकार बनने पर अनुच्छेद-370 पर पुनर्विचार होगा। उनके इस बयान पर उनके छोटे भाई लक्ष्मण सिंह की पत्नी रूबीना ने ही उनकी आलोचना करते हुए कहा है कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है और कश्मीरी पंडितों को लेकर गैर-जरूरी बातें की जा रही हैं।

इससे पहले रूबीना शर्मा सिंह ने ट्वीट कर लिखा था, “कश्मीरी पंडितों और कथित आरक्षण को लेकर दुर्भाग्यपूर्ण बातें की गई हैं। ऊपर से ये बातें सीमा पार के एक पत्रकार को कही गईं। एक ऐसे देश के पत्रकार को, जिसने हमें कभी शांति से नहीं रहने दिया। जैसे कि हमने अब तक कम पीड़ा ही सही है! ये दुःखी करने वाला और गैर-जरूरी है।” अब उन्होंने कहा है कि ये सब क्या हो रहा है, इस बारे में कॉन्ग्रेस को सोचना चाहिए।

‘दैनिक भास्कर’ से इंटरव्यू में रूबीना शर्मा सिंह ने कहा कि वो इसे एक मुद्दा नहीं बनाना चाहती हैं, इसीलिए ट्वीट में अपनी बात रख चुकी हैं। उन्होंने कश्मीरी पंडितों के आरक्षण पर चल रही बातों को तर्कहीन करार देते हुए कहा कि उन्हें कभी आरक्षण मिला ही नहीं। साथ ही उन्होंने पूछा कि उन्हें समझ ही नहीं आ रहा है कि ये मामला उठाया क्यों जा रहा है। उन्होंने अनुच्छेद-370 हटने से ख़ुशी जताते हुए कहा कि इससे पहले कश्मीरी पंडितों के साथ कैसा व्यवहार होता था, ये किसी से छिपा नहीं है।

रूबीना सिंह ने कहा कि कश्मीरी पंडित पहले खुश नहीं थे और कॉन्ग्रेस या भाजपा ने उनके लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने दिग्विजय सिंह के बयान को लेकर कॉन्ग्रेस से ये साफ़ करने को कहा कि क्या ऐसी कोई योजना है? उन्होंने दिग्विजय सिंह को अपने ‘जेठ’ बताते हुए कहा कि वो इसे परिवारिक मुद्दा नहीं बनाना चाहतीं और न ही उनसे झगड़ा कर रही हैं, लेकिन ऐसे बयानों से कश्मीर की जनता की भावनाएँ आहत हुई हैं।

उन्होंने इस बयान को गलत बताते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह को लोकतंत्र में अपनी बात रखने की पूरी आज़ादी है, लेकिन इससे उन्हें दुःख पहुँचा है। कश्मीरी मूल की रूबीना की माँ भी कश्मीरी ही थीं। उन्होंने बताया, “हमारे दो घर थे वहाँ। कश्मीरी पंडितों का दमन शुरू हुआ तो हमें दोनों घर छोड़ने पड़े। हमें दिल्ली आना पड़ा। सरकार ने हमारी कोई चिंता नहीं की। न ही नुकसान की भरपाई हुई। उस भयानक दौर के बाद जीवन फिर से शुरू करने के लिए कोई सहायता नहीं मिली।”

रूबीना शर्मा सिंह ने बताया कि उनके परिवार के पास तो दिल्ली में घर था, लेकिन जिनका कश्मीर से बाहर घर नहीं था उन्हें दर-दर की ठोकरें खानी पड़ीं। उन्होंने कहा कि उनका ट्वीट गुस्सा नहीं, पीड़ा दिखाता है। उन्होंने कहा कि जिस देश से हम लड़ रहे हैं, उसके पत्रकार के सामने हमें अपमानित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस के कई नेता ऐसे बयान देते हैं। उन्होंने कश्मीर को एक बड़ा मुद्दा बताया।

साथ ही सरकार से कश्मीर पर ध्यान देने का भी निवेदन दिया। रूबीना ने चिंता जताई कि अगर कश्मीरी उधर चले गए तो दुश्मन पंजाब के लिए आएगा। उन्होंने अब्दुल्ला परिवार पर वोट के लिए कश्मीर में सीमा पार के लोगों को बसाने का आरोप लगाया। वहाँ हिन्दुओं की प्रताड़ना को याद करते हुए रूबीना शर्मा सिंह ने कहा कि चुनावी फायदों के लिए कश्मीरियों का इस्तेमाल हुआ, लेकिन हमें कुछ नहीं मिला।

दिग्विजय सिंह ने कहा था कि अनुच्छेद 370 को खत्म करना और जम्मू-कश्मीर से राज्य का दर्जा छीनना दुःखद है और कॉन्ग्रेस इस पर पुनर्विचार करेगी। इस पर उनके ही छोटे भाई लक्ष्मण सिंह ने कहा कि अनुच्छेद 370 को फिर से लागू करना संभव नहीं है। केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने ट्वीट करके कॉन्ग्रेस से इस मामले पर अपना पक्ष साफ करने की माँग की। कॉन्ग्रेस के कई नेताओं का मानना है कि दिग्विजय सिंह का यह बयान कॉन्ग्रेस को नुकसान पहुँचाने वाला है। 

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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