पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के कुल 3 नेताओं ने महबूबा मुफ़्ती की हरकतों और बयानों का हवाला देते हुए पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया है। पार्टी से इस्तीफ़ा देने वाले तीन नेता टीएस बाजवा, वेद महाजन और हुसैन ए वफ़ा हैं। इन तीनों ने पार्टी की मुखिया महबूबा मुफ़्ती को दिए गए पत्र (इस्तीफ़े) में वजहों का विस्तार से उल्लेख किया है।
PDP leaders TS Bajwa, Ved Mahajan & Hussain A Waffa resign from the party.
— ANI (@ANI) October 26, 2020
In a letter to party pres Mehbooba Mufti (in file pic) they state that they are ‘feeling quite uncomfortable over some of her actions and undesirable utterances specially which hurt patriotic sentiments’. pic.twitter.com/EsjoZn5geq
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती को लिखे गए पत्र में इन नेताओं का कहना था कि वह हाल फ़िलहाल में की गई बेमतलब बयानबाजी और हरकतों से सहमत नहीं हैं। इससे आम जनता की देशभक्ति की भावना को ठेस पहुँची है, इन बातों को मद्देनज़र रखते हुए वह पार्टी का हिस्सा नहीं बने रह सकते हैं।
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री व पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने हाल ही में यह बयान देकर विवाद खड़ा किया था। महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार (अक्टूबर 23, 2020) को श्रीनगर में अपने आवास पर हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि जब तक उनका झंडा (जम्मू कश्मीर का पुराना झंडा) वापस नहीं मिल जाता, तब तक वह दूसरा झंडा (तिरंगा) नहीं उठाएँगी। मुफ्ती का कहना था कि उनका झंडा डाकुओं ने ले लिया है।
14 महीने तक हिरासत में रहने के बाद हाल ही में रिहा हुई महबूबा मुफ्ती ने कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों से बात करते हुए कहा था, “जब तक केंद्र सरकार हमारे हक (अनुच्छेद 370) को वापस नहीं करते हैं, तब तक मुझे कोई भी चुनाव लड़ने में दिलचस्पी नहीं है।” उनके मुताबिक़ जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को बहाल करने तक उनका संघर्ष खत्म नहीं होगा। वह कश्मीर को पुराना दर्जा दिलवाने के लिए जमीन आसमान एक कर देंगी।
इसके बाद महबूबा मुफ्ती के खिलाफ एफआईआर की माँग को लेकर पुलिस कमिश्नर को शिकायत भेजी गई थी। सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल की ओर से पुलिस कमिश्नर को भेजी शिकायत में कहा गया था कि महबूबा मुफ्ती ने राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया है, लोकतांत्रिक तरीक़े से चुनी सरकार के खिलाफ लोगों को भड़काया है। उनके खिलाफ नेशनल ऑनर एक्ट और धारा 121, 151, 153A, 295, 298, 504 और 505 के तहत FIR दर्ज होनी चाहिए।
पत्र में जिंदल ने कहा था कि उनकी टिप्पणी – ‘डाकुओं ने हमारा झंडा छीन लिया है’ लोगों को उकसा रही है और इससे नफरत एवं अशांति पैदा करने की स्पष्ट मंशा दिखती है। इसके अतिरिक्त पत्र में महबूबा मुफ्ती का जिक्र करते हुए कहा गया है कि उनका इरादा यह दिखाने का है कि जम्मू कश्मीर भारतीय क्षेत्र नहीं है, इसका अलग अस्तित्व है।