OpIndia is hiring! click to know more
Tuesday, April 15, 2025
Homeराजनीतिभारतीय तिरंगे पर महबूबा मुफ्ती की बयानबाजी पड़ी भारी, पार्टी के 3 नेताओं ने...

भारतीय तिरंगे पर महबूबा मुफ्ती की बयानबाजी पड़ी भारी, पार्टी के 3 नेताओं ने दिया PDP से इस्तीफा

टीएस बाजवा, वेद महाजन और हुसैन ए वफ़ा ने महबूबा मुफ़्ती की हरकतों और बयानों का हवाला देते हुए पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया है। इन तीनों का कहना है कि इससे देशभक्ति की भावना को ठेस पहुँची है, इसलिए...

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के कुल 3 नेताओं ने महबूबा मुफ़्ती की हरकतों और बयानों का हवाला देते हुए पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया है। पार्टी से इस्तीफ़ा देने वाले तीन नेता टीएस बाजवा, वेद महाजन और हुसैन ए वफ़ा हैं। इन तीनों ने पार्टी की मुखिया महबूबा मुफ़्ती को दिए गए पत्र (इस्तीफ़े) में वजहों का विस्तार से उल्लेख किया है। 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती को लिखे गए पत्र में इन नेताओं का कहना था कि वह हाल फ़िलहाल में की गई बेमतलब बयानबाजी और हरकतों से सहमत नहीं हैं। इससे आम जनता की देशभक्ति की भावना को ठेस पहुँची है, इन बातों को मद्देनज़र रखते हुए वह पार्टी का हिस्सा नहीं बने रह सकते हैं।

जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री व पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने हाल ही में यह बयान देकर विवाद खड़ा किया था। महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार (अक्टूबर 23, 2020) को श्रीनगर में अपने आवास पर हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि जब तक उनका झंडा (जम्मू कश्मीर का पुराना झंडा) वापस नहीं मिल जाता, तब तक वह दूसरा झंडा (तिरंगा) नहीं उठाएँगी। मुफ्ती का कहना था कि उनका झंडा डाकुओं ने ले लिया है।

14 महीने तक हिरासत में रहने के बाद हाल ही में रिहा हुई महबूबा मुफ्ती ने कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों से बात करते हुए कहा था, “जब तक केंद्र सरकार हमारे हक (अनुच्छेद 370) को वापस नहीं करते हैं, तब तक मुझे कोई भी चुनाव लड़ने में दिलचस्पी नहीं है।” उनके मुताबिक़ जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को बहाल करने तक उनका संघर्ष खत्म नहीं होगा। वह कश्मीर को पुराना दर्जा दिलवाने के लिए जमीन आसमान एक कर देंगी।

इसके बाद महबूबा मुफ्ती के खिलाफ एफआईआर की माँग को लेकर पुलिस कमिश्नर को शिकायत भेजी गई थी। सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल की ओर से पुलिस कमिश्नर को भेजी शिकायत में कहा गया था कि महबूबा मुफ्ती ने राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया है, लोकतांत्रिक तरीक़े से चुनी सरकार के खिलाफ लोगों को भड़काया है। उनके खिलाफ नेशनल ऑनर एक्ट और  धारा 121, 151, 153A, 295, 298, 504 और 505 के तहत FIR दर्ज होनी चाहिए। 

पत्र में जिंदल ने कहा था कि उनकी टिप्पणी – ‘डाकुओं ने हमारा झंडा छीन लिया है’ लोगों को उकसा रही है और इससे नफरत एवं अशांति पैदा करने की स्पष्ट मंशा दिखती है। इसके अतिरिक्त पत्र में महबूबा मुफ्ती का जिक्र करते हुए कहा गया है कि उनका इरादा यह दिखाने का है कि जम्मू कश्मीर भारतीय क्षेत्र नहीं है, इसका अलग अस्तित्व है।

OpIndia is hiring! click to know more
Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ISF के उपद्रवियों की आगजनी, पुलिस पर भी हमला: मालदा, मुर्शिदाबाद और सिलीगुड़ी के बाद अब दक्षिणी 24 परगना में भड़की हिंसा

इंडियन सेक्युलर फ्रंट के हिंसक प्रदर्शन में कई पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया, जिसमें एक वैन और कई दोपहिया वाहन जलकर खाक हो गए।

हरियाणा के इस शख़्स को ख़ुद PM मोदी ने पहनाए जूते, जानिए क्यों 14 सालों से नंगे पाँव थे रामपाल कश्यप

मैं ऐसे सभी साथियों की भावनाओं का सम्मान करता हूँ, परंतु मेरा आग्रह है कि वो इस तरह के प्रण लेने के बजाए किसी सामाजिक अथवा देशहित के कार्य का प्रण लें।"
- विज्ञापन -