पश्चिम बंगाल के नॉर्थ 24 परगना स्थित संदेशखाली में जहाँ एक तरफ TMC (तृणमूल कॉन्ग्रेस) के नेता शाहजहाँ शेख के आतंक से त्रस्त महिलाएँ अपना दुःख बयाँ कर रही हैं, वहीं दूसरी तरफ पार्टी इन घटनाओं को लेकर उल्टा पीड़िताओं पर ही सवाल उठाने में लगी है। अब ‘दूरदर्शन न्यूज़’ के एक डिबेट शो में TMC की प्रवक्ता ने इन पीड़िताओं का अपमान कर के न सिर्फ अपनी, बल्कि अपनी पार्टी की भी संवेदनहीनता का परिचय दिया है। इसके बाद पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी की जम कर थू-थू हो रही है।
TMC प्रवक्ता जूही विश्वास इस दौरान पश्चिम बंगाल के संदेशखाली की बात न कर के उत्तर प्रदेश के हाथरस का मुद्दा लेकर आ गईं। उन्होंने सितंबर 2020 में हाथरस में हुई घटना का जिक्र करते हुए कहा कि वहाँ साबित हो गया था कि बलात्कार हुआ है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल से एक वीडियो या एक फुटेज भी सामने नहीं आया है, जिसमें रेप हुआ हो। इस पर एंकर रीमा पराशर ने उन्हें टोकते हुए पूछा कि क्या वो चाहती हैं कि अब रेप के फुटेज सार्वजनिक रूप से सामने आएँ?
इसके बाद जूही विश्वास भाजपा को कोसने लगीं। जूही विश्वास न सिर्फ TMC की महिला विंग की जनरल सेक्रेटरी हैं, बल्कि कोलकाता म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के वार्ड संख्या 81 से पार्षद भी हैं। ‘DD न्यूज़’ के शो ‘5 की पंचायत’ में उन्होंने ये विवादित बयान दिया है। ये काफी हैरान करने वाला है कि बलात्कार के आरोप को साबित करने के लिए सार्वजनिक रूप से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी की महिला नेता ही रेप का वीडियो फुटेज सामने लाने की माँग कर रही हैं।
ध्यान दिलाते चलें कि पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में टीएमसी नेता शिबू हाजरा गिरफ्तार हो गया है। वो संदेशखाली में इतने दिनों से छिपकर अपने ही ठिकाने पर बैठा था। उसे गिरफ्तारी के बाद मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया है। इस बीच, मजिस्ट्रेट के सामने एक पीड़ित महिला ने रेप के मामले में अपना बयान दर्ज कराया, जिसके बाद शिबू हाजरा के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर में रेप की धारा भी जोड़ दी गई है। इन सबके बीच मुख्य आरोपित टीएमसी नेता शेख शाहजहाँ अब भी फरार है। उसे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का करीबी माना जाता है।
पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कुमार ने कहा कि प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) में बलात्कार की धाराएँ जोड़ी गई हैं। उनके मुताबिक, महिला ने पुलिस के सामने रेप का कोई बयान नहीं दिया था, बल्कि उसने आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने बयान दिया। राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस पूरे मामले में संदेशखाली में महिलाओं के साथ एकजुटता दिखाई है और उन्हें न्याय दिलाने का वादा किया है।