तृणमूल कॉन्ग्रेस की सांसद काकोली घोष दास्तीदार ने मीडिया से बातचीत में नारदा न्यूज़ पोर्टल के प्रमुख मैथ्यू सैमुएल से पैसे लेने की बात स्वीकार की है। उन्होंने इसे राजनीतिक चंदा करार देते हुए अपने पास उसकी रसीदें भी होने की बात कही है। उन्होंने दावा किया कि निर्वाचन आयोग को भी इस बात की जानकारी है।
Kakoli Ghosh Dastidar, TMC MP on Narada sting case: I accept that I had taken donations from Mathew Samuel, I have receipts too. All political parties accept donations to fight elections. I have taken money as donation for election&have declared it to Election Commission. pic.twitter.com/gnKhRVw10C
— ANI (@ANI) September 28, 2019
2014 में किए गए स्टिंग में नारदा के प्रमुख मैथ्यू सैमुएल ने एक बिज़नेसमैन के भेष में तृणमूल नेताओं और मंत्रियों से सम्पर्क किया था और बदले में नकद की पेशकश की थी। 2016 विधानसभा चुनावों के ठीक पहले जारी फुटेज में बशीरहाट की सांसद दास्तीदार को भी सैमुएल से पैसे लेते देखा गया था।
लेकिन आज तक के अनुसार दास्तीदार ने इसे ‘रिश्वत’ मानने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि उन्होंने सैमुएल से जो धनराशि ली, वह तो चंदा था, जिसकी उनके पास रसीदें भी हैं। उन्होंने कहा, “सभी राजनीतिक दल चुनाव लड़ने के लिए पैसा लेते हैं। मैंने भी चुनाव लड़ने के लिए पैसा लिया और निर्वाचन आयोग को इसकी सूचना भी दी।”
सांसदों और पश्चिम बंगाल राज्य सरकार के मंत्रियों समेत चोटी के 12 तृणमूल कॉन्ग्रेस नेताओं पर आपराधिक षड्यंत्र की FIR करने के बाद सीबीआई अब तृणमूल नेताओं की आवाज़ के नमूने इकट्ठे कर रही है। इसे सैमुएल के वीडियो से मिला कर उनके दावों की जाँच की जाएगी। पिछले दो हफ्तों में CBI की भ्रष्टाचार-रोधी विंग ने सुब्रत मुखर्जी, सौगात रॉय, मदन मित्रा आदि की आवाज़ों के नमूने लिए हैं। 12 सितंबर को दास्तीदार की आवाज़ का नमूना भी लिया गया था। FIR रिश्वत और आपराधिक कदाचार रोकने के लिए बने भ्रष्टाचार-विरोधी अधिनियम के प्रावधानों में दर्ज की गई है।
26 सितंबर को इसी मामले में आईपीएस अधिकारी एसएमएच मिर्ज़ा गिरफ्तार किए गए थे। मिर्ज़ा स्टिंग ऑपरेशन के समय पश्चिम बंगाल के बर्दवान में एसपी थे। उन पर कथित तौर पर तृणमूल नेताओं के मध्यस्थ के तौर पर रिश्वत लेने का आरोप है।
सीबीआई ने पिछले महीने इस मामले में दास्तीदार के अलावा दो और सांसदों सौगात रॉय और प्रसून बनर्जी पर मुकदमा चलाने की इजाज़त के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से इजाजत माँगी थी। इसके अलावा पूर्व सांसद एवं वर्तमान में राज्य सरकार के मंत्री सुवेंदु अधिकारी भी एजेंसी के रडार पर हैं। अगर ज़रूरी अनुमति मिल जाती है, तो चारों का नाम आरोप-पत्र में मिल सकता है।