चुनावों में फर्जी मतदान को रोकने के लिए चुनाव कानून संशोधन विधेयक-2021 (Election Laws (Amendment) Bill, 2021) लेकर आई है। जिसको लेकर राज्यसभा (Rajya Sabha) में चर्चा के दौरान मंगलवार (21 दिसंबर 2021) को तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) के सांसद डेरेक ओब्रायन (Derek O’brien) ने रूल बुक को सभापति की ओर फेंक दिया। उनके इस दुर्व्यवहार के बाद कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया गया। वो शीतकालीन सत्र की कार्रवाई से निलंबित किए गए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, राज्यसभा से वॉकआउट करने से पहले डेरेक ओब्रायन ने बिल पर दो मिनट तक भाषण भी दिया। कॉन्ग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजने की माँग कर रहा था, लेकिन इसे ध्वनिमत से खारिज कर दिया गया। विपक्ष का कहना था कि यह विधेयक वोटर की निजता का हनन करता है।
वहीं डेरेक ओब्रायन के दुर्व्यवहार पर बात करते हुए राज्यसभा के पीठासीन अध्यक्ष डॉ सस्मित पात्रा ने आज सदन में निर्वाचन कानून (संशोधन) विधेयक 2021 के खिलाफ उनके बयान पर कहा डेरेक ओब्रायन ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया था। जिस पर उप सभापति ने व्यवस्था दी थी। पात्रा के मुताबिक, रूल बुक आसन, महासचिव को या किसी को भी लग सकती थी। वहीं केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Pyush Goyal) ने इसे देश का अपमान बताया है। बहरहाल इस विधेयक को राज्यसभा से भी पारित करा लिया गया है।
इस मामले में डेरेक ओब्रायन ने कहा, “पिछली बार मुझे राज्यसभा से निलंबित किया गया था, जब सरकार कृषि कानूनों को पारित करा रही थी। हम सभी जानते हैं कि उसके बाद क्या हुआ। आज बीजेपी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए निलंबित कर दिया गया। आज मुझे सस्पेंड किया गया है कि जब बीजेपी लोकतंत्र का मजाक बना रही है और चुनाव सुधार कानून को जबरन पारित करवा रही है। उम्मीद है कि यह विधेयक भी जल्द ही निरस्त हो जाएगा।”
The last time I got suspended from RS was when govt. was BULLDOZING #FarmLaws
— Derek O’Brien | ডেরেক ও’ব্রায়েন (@derekobrienmp) December 21, 2021
We all know what happened after that.
Today, suspended while protesting against BJP making a mockery of #Parliament and BULLDOZING #ElectionLawsBill2021
Hope this Bill too will be repealed soon
क्या है कानून
‘चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक-2021’ ( Election Laws (Amendment) Bill, 2021) सोमवार (20 दिसंबर, 2021) को लोकसभा (Lok Sabha) में पास करा लिया। इस बिल के कानून का शक्ल लेने के बाद वोटर आईडी और लिस्ट को आधार कार्ड (Aadhaar card) से लिंक कर दिया जाएगा, जिससे फर्जी मतदान (Bogus voting) की समस्या से निजात पाया जा सकेगा।