पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों से पहले हो रही हिंसा पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने इस मामले में ट्वीट किया, “चुनावी हिंसा बंगाल की संस्कृति का हिस्सा कभी नहीं रहा। CPM और TMC चुनावी हिंसा को लेकर आई हैं। राज्य में अब तक 130 बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है। इस सांप्रदायिकता की हद तो तब होती है, TMC के नेता आपत्तिजनक बयान देते हैं और दीदी इसका खंडन तक नहीं करती हैं। ये बंगाल को कहाँ ले जाना चाहते हैं।”
गृह मंत्री शाह ने यह बात एबीपी बांग्ला को दिए साक्षात्कार में कही। उन्होंने आरोप लगाया कि कम्यूनिस्ट और TMC की सरकारें बंगाल में चुनावी हिंसा को पीक पर ले गईं। यह देश का पहला राज्य है, जहाँ पंचायत चुनाव में वॉट्सएप पर पर्चा एक्सेप्ट करना पड़ा और ममता दीदी इसे डिग्री मानती हैं। अमित शाह ने कहा:
“मैं बंगाल की जनता को करबद्ध विनती करने आया हूँ कि बंगाल में बीजेपी के अलावा कोई हिंसा को नहीं रोक सकता है। क्योंकि हम हिंसा में विश्वास नहीं करते हैं। किसी भी पार्टी का कोई भी कार्यकर्ता नहीं मरना नहीं चाहिए।”
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, “ममता दीदी हमें कहती हैं कि हम हिंसा कर रहे हैं और मेरी ही पार्टी के लोग मर रहे हैं, शायद ऐसा ममता दीदी ही कह सकती हैं। कोई और नहीं कह सकता है। कोई TMC का व्यक्ति कह रहा है कि 30 प्रतिशत मुसलमान एक हो जाए तो तीन और पाकिस्तान बन जाएँगे। कहाँ तक ले जाएँगे ये सब, कभी रुकोगे कि नहीं।”
चुनावी हिंसा बंगाल की संस्कृति का हिस्सा नहीं है। CPM व TMC चुनावी हिंसा को शीर्ष पर लेकर गई हैं।
— Amit Shah (@AmitShah) March 26, 2021
भाजपा के 130 कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है।
सांप्रदायिकता की हद तब होती है जब TMC नेता आपत्तिजनक बयान देते हैं व दीदी उसका खंडन भी नहीं करती। ये बंगाल को कहाँ लेके जाना चाहते हैं। pic.twitter.com/eQXeRSlW2P
दुर्गा पूजा को लेकर चुनाव के कारण दीदी में परिवर्तन
दुर्गा पूजा को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा शुरू किए कॉर्निवल पर अमित शाह ने कहा कि दीदी में ये परिवर्तन 2019 के चुनाव के बाद आया है। अन्यथा उससे पहले तो दुर्गा विसर्जन के लिए ऑर्डर लाना पड़ता था। पुलिस इसकी इजाजत तक नहीं देती थी।