लोकसभा में गुरुवार को तीन तलाक पर रोक से जुड़े बिल पर जारी चर्चा के बीच सपा सांसद एसटी हसन ने एक अनर्गल बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि बीवी को गोली मारने या जला कर मार डालने से बेहतर है कि उसे तीन तलाक दे दिया जाए। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से सांसद हसन इससे पहले हीरोइनों को ‘तवायफ’ बताने को लेकर चर्चा में रह चुके हैं।
सपा सांसद एस टी हसन का तीन तलाक़ पर बेहद विवादास्पद बयान,” घर आने पर अगर कोई अपनी शरीक-ए-हयात (पत्नी) को किसी और के साथ देख ले तो गुस्सा आएगा, उस गुस्से में अपनी पत्नी को मार डालने या जला देने से तो अच्छा यही है कि तीन तलाक़ देकर रुखसत कर दे”। pic.twitter.com/e2Y5bSQcdx
— Arun Kumar Singh (@arunsingh4775) July 25, 2019
हसन ने कहा, “कभी-कभी ऐसे हालात होते हैं कि अलग होना ही रास्ता होता है तो गोली मारने से बेहतर है कि तीन तलाक देकर महिला को निकाल दिया जाए। सिर्फ हजरत अबू हनीफा को मानने वाले फिरके के लोग ही एक साथ तीन तलाक लेते हैं। यह लड़की वालों पर ही छोड़ दिया जाए कि अबू हनीफा को मानने वालों के यहाँ शादी करें या नहीं।”
ST Hasan, SP MP on Triple Talaq Bill: The criminality clause provides for 3-year-imprisonment & remuneration from man to the wife, how will he provide remuneration if he is in jail? A Muslim will go to jail for 3 years and others for 1 year, is this justice? https://t.co/TguF2keKiG
— ANI (@ANI) July 25, 2019
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 345 तीन तलाक
केंद्र सरकार ने तीसरी बार लोकसभा में इस बिल को पेश किया है। लोकसभा में बिल पर चर्चा के दौरान केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, “ट्रिपल तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 24 जुलाई 2019 तक ट्रिपल तलाक के 345 मामले सामने आ चुके हैं।” साथ ही उन्होंने कहा कि यह इंसाफ और इंसानियत का मामला है, हमें मुस्लिम बहनों की चिंता है।
Union Minister Ravi Shankar Prasad in
— ANI (@ANI) July 25, 2019
Lok Sabha: After Supreme Court judgement on triple talaq, 345 cases of triple talaq have come to light till 24th July 2019. https://t.co/tLdfqAFIRu
लोकसभा में तो सरकार के पास इस बिल को पास कराने के लिए पर्याप्त नंबर है, लेकिन राज्यसभा से इसे पास कराना आसान नहीं होगा। इस बिल को लेकर बीजेपी ने अपने सभी सांसदों को सदन में मौजूद रहने के लिए कहा है। विधेयक में तीन तलाक को अपराध करार देने के साथ दोषी को जेल की सज़ा सुनाए जाने का भी प्रावधान है।
बिल का विरोध करेगी कॉन्ग्रेस
मोदी सरकार ने मई में इस बिल का मसौदा पेश किया था। इसके प्रावधानों को लेकर कई विपक्षी दलों ने कड़ी आपत्ति जताई थी। कॉन्ग्रेस ने इस मसले पर यूपीए के सभी सहयोगी दलों के साथ गुरुवार को बैठक की और इस बिल का विरोध करने का फैसला किया। विपक्ष के साथ एनडीए की सहयोगी जेडीयू भी इस बिल का विरोध करती है।