त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब और उनकी पत्नी नीति देब की निजी जिंदगी के बारे में सोशल साइट्स पर झूठी अफवाहें फैलाने के आरोप में राज्य के कॉन्ग्रेस उपाध्यक्ष तापस डे के खिलाफ त्रिपुरा पुलिस ने मामला दर्ज किया है। बता दें कि, तापस डे इस मामले में आरोपित होने वाले तीसरे शख्स हैं। इससे पहले सोमवार (अप्रैल 29, 2019) को इसी आरोप में फ्रीलांस पत्रकार सैकत तलपात्रा को पश्चिम अगरतला से गिरफ्तार किया गया था और उसी दिन हवलदार जमाल हुसैन को भी गिरफ्तार किया गया था, जिसे बाद में सस्पेंड कर दिया गया।
#Tripura police have registered case against the state @INCIndia vice president Tapas Dey for allegedly sharing fake news with respect to the against Chief Minister @BjpBiplab https://t.co/H9BubggSLT
— prafulla ketkar ?? (@prafullaketkar) May 3, 2019
बता दें कि, जिस फर्जी पोस्ट को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और व्हाट्सएप पर एक अटैचमेंट के साथ शेयर किया गया था, वो वास्तव में नई दिल्ली की एक अदालत में किसी अन्य व्यक्ति द्वारा दायर किया गया तलाक था और उसका सीएम या उसकी पत्नी से कोई संबंध नहीं था।
हालाँकि, डे ने इस बात को स्वीकार किया कि उन्होंने व्हाट्सएप ग्रुपों पर इसे शेयर किया था, मगर उनका कहना है कि उन्होंने ये सिर्फ अपने दोस्तों के साथ शेयर किया था, ताकि इस खबर की पुष्टि की जा सके। तापस डे ने कहा कि उन्होंने इसके खिलाफ कोई टीका-टिप्पणी नहीं की थी, और जो भी कानूनी कार्रवाई होगी, उसके लिए वो तैयार हैं। वहीं भाजपा के प्रवक्ता डॉ. अशोक सिन्हा ने कहा कि तापस डे एक वरिष्ठ नेता हैं और कानून के अच्छे जानकार भी हैं, और अगर वो दावा कर रहे हैं कि वो निर्दोष हैं, तो कानूनी रास्ता अपनाते हुए उन्हें इस मामले से बरी कर देना चाहिए।
गौरतलब है कि, बीते दिनों बिप्लव कुमार देब के बारे में खबर आई थी कि उनकी पत्नी नीति देब ने उन पर घरेलू हिंसा का आरोप लगाया है और साथ ही उन्होंने तलाक की अर्जी भी दी है। हालाँकि, सीएम की पत्नी नीति देब ने एक फेसबुक पोस्ट करते हुए इन तमाम दावों को झूठा बताते हुए नकार दिया था। उन्होंने कहा था कि सिर्फ गंदे, भद्दे और बीमार किस्म की मानसिकता वाले लोग ही घटिया प्रचार के लिए इस तरह की अफवाहें फैलाते हैं। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि प्रभावशाली लोगों के खिलाफ राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए इस तरह की गंदी अफवाहों को फैलाने के लिए उन्हें मोटी रकम दी जाती है। नीति देब ने कहा था कि ये सब कुछ सिर्फ और सिर्फ उनकी छवि को धूमिल करने की कोशिश है।