60 सदस्यीय त्रिपुरा विधानसभा (2023 Tripura Legislative Assembly election) के लिए 16 फरवरी 2023 को वोट पड़ेंगे। 2 मार्च को वोटों की गिनती होगी। राज्य की सत्ता में फिर से बीजेपी के लौटने के आसार जताए जा रहे हैं। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दावा किया है कि मतगणना के दिन दोपहर 12 बजे से पहले ही राज्य में बीजेपी बहुमत का आँकड़ा पार कर लेगी। उन्होंने पार्टी की सीट और वोट शेयर दोनों बढ़ने की बात कही है। इससे पहले जन की बात की सर्वे में भी त्रिपुरा में बीजेपी के सत्ता बरकरार रखने का अनुमान लगाया गया था।
न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा है, “त्रिपुरा में हमारी सीट भी बढ़ेगीं और वोट शेयर भी बढ़ेगा। कॉन्ग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी ने गठबंधन कर लिया है। उन्हें लगता है कि वे अकेले बीजेपी को नहीं हरा सकते। हम त्रिपुरा में पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने जा रहे हैं।”
Union Home Minister Amit Shah on state elections, Adani row, PFI ban, Parliament disruption, Khalistan, 2024 polls#AmitShahToANI
— ANI (@ANI) February 14, 2023
Premiering now: https://t.co/d60Dphd0kN
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने त्रिपुरा से हिंसा को समाप्त कर दिया है। भाजपा के सत्ता में होने से ड्रग्स का काम करने वालों पर भी कार्रवाई हो रही है। आज पूर्वोत्तर भारत में शांति है। भाजपा सरकार के साथ उग्रवादियों ने समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। समझौते के तहत 8000 से अधिक उग्रवादियों ने सरेंडर किया है। देश के पूर्वोत्तर भाग को पहले बंद के लिए जाना जाता था, लेकिन अब वहाँ तेजी से विकास हो रहा है।
There’s peace in Northeast today.Our govt has signed agreements with many militant groups.More than 8000 armed cadres surrendered & joined mainstream. Northeast region which was earlier known for blockages,bandhs,bomb blasts&insurgency is now getting road, rail&air infra: HM Shah pic.twitter.com/ppvrMQ8RGm
— ANI (@ANI) February 14, 2023
अमित शाह ने कहा कि बीते 9 साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वोत्तर भारत में 51 दौरे किए हैं। आजादी के बाद कोई भी प्रधानमंत्री इतनी बार इस क्षेत्र में नहीं गया। भाजपा सरकार में इस क्षेत्र की स्थानीय भाषाओं को मजबूती मिली है। यहाँ तक कि प्राथमिक शिक्षा भी क्षेत्रीय भाषाओं में दी जा रही है। भाजपा सरकार ने पूर्वोत्तर की पहचान को मजबूत किया है।
उन्होंने कहा, “त्रिपुरा में पिछली बार स्थिति बदलने के लिए बीजेपी ने ‘चलो पलटई’ का नारा दिया गया था। हमने ऐसा किया भी है। इससे पहले जब त्रिपुरा में वामपंथी सरकार थी तो सरकारी कर्मचारियों को 5वें वेतन आयोग के तहत वेतन दिया जा रहा था। लेकिन हमने राजकोषीय घाटे को कंट्रोल में रखते हुए 7वें वेतन आयोग को लागू किया है।”
We eliminated violence in Tripura & also took strict action against drugs business from across the border in the state: Union Home Minister Amit Shah#AmitShahtoANI
— ANI (@ANI) February 14, 2023
कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर अमित शाह ने कहा है, “कर्नाटक में भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाएगी। पिछले 2 महीनों में मैंने 5 बार राज्य का दौरा किया है। मैंने राज्य के लोगों की नब्ज भाँप ली है। मैंने वहाँ पीएम मोदी की लोकप्रियता देखी है। भाजपा को कर्नाटक में भी भारी जनादेश मिलेगा।”
BJP will form government with full majority in Karnataka. In the last 2 months, I’ve visited the state 5 times. I’ve sensed the pulse of people of the state and witnessed PM Modi’s popularity there -BJP will get a huge mandate in Karnataka: Union Home Minister Amit Shah pic.twitter.com/tTHjnZjdWr
— ANI (@ANI) February 14, 2023
बता दें कि त्रिपुरा विधानसभा को लेकर ‘जन की बात’ ने 13 फरवरी 2023 को ओपिनियन पोल जारी किया था। इस ओपिनियन पोल में 10 हजार लोगों ने हिस्सा लिया है। इसके अनुसार कुल 60 सीटों में से भाजपा गठबंधन को 30 से 35 सीटें, सीपीएम गठबंधन को 16 से 13 सीटें, तिपरा गठबंधन को 13 से 11 सीटें मिलने का अनुमान है।
सर्वे के अनुसार, सीपीएम गठबंधन को 41 प्रतिशत से अधिक वोट शेयर मिल सकता है। वहीं भाजपा गठबंधन को 32 से 39 प्रतिशत वोट शेयर मिलने का अनुमान जताया गया है। दूसरी ओर, तिपरा गठबंधन को 16 से 21 प्रतिशत और अन्य को 1 से 2 प्रतिशत वोट शेयर मिलने का अनुमान जताया गया है।
वहीं डेमोग्राफी के हिसाब से बात करें तो बंगाली हिंदुओं की पहली पसंद भाजपा है और सर्वे के मुताबिक, करीब 60 प्रतिशत बंगाली हिंदुओं द्वारा भाजपा को वोट देने का अनुमान जताया गया है। 30 प्रतिशत बंगाली हिंदुओं के सीपीएम गठबंधन और आठ प्रतिशत बंगाली हिंदुओं के तिपरा गठबंधन को वोट देने का अनुमान है। दूसरी ओर बंगाली मुस्लिमों की अगर बात करें तो इसमें सीपीएम गठबंधन सबसे आगे है।
सर्वे के मुताबिक, 70 प्रतिशत बंगाली मुस्लिम सीपीएम गठबंधन को अपना वोट दे सकते हैं। वहीं महज 8 प्रतिशत बंगाली मुस्लिम की पसंद भाजपा है। जनजातीय लोगाें की बात करें तो तिपरा गठबंधन उनकी पहली पसंद है। सर्वे के मुताबिक 65 प्रतिशत जनजातीय लोग तिपरा गठबंधन को वोट दे सकते हैं। वहीं भाजपा और सीपीएम गठबंधन को जनजातीय लोगों की तरफ से क्रमश 25 और नौ प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान हैं। सर्वे के मुताबिक जनजातीय समुदाय में में भी त्रिपुरी जनजाती में भाजपा को 55 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान जताया गया है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 में भाजपा ने राज्य में सीपीएम के 25 साल पुराने शासन का अंत कर दिया था। भाजपा गठबंधन ने तब 60 में से 43 सीटों पर कब्जा किया था। भाजपा ने अकेले दम पर बहुमत का आँकड़ा पार कर लिया था। कॉन्ग्रेस को यहाँ एक भी सीट हासिल नहीं हुई थी। सीपीएम गठबंधन को 16 सीटों पर जीत हासिल हुई थी।