Monday, December 23, 2024
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MP के बाद छत्तीसगढ़ के ‘महाराज’ भी कॉन्ग्रेस सरकार से आहत, CM बघेल ने बैठक में नहीं बुलाया

छत्तीसगढ़ की सत्ता में कॉन्ग्रेस की वापसी में टीएस सिंहदेव की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है। वे सीएम पद के दावेदार भी थे। लेकिन, आलाकमान ने उनकी जगह बघेल को वरीयता दी। अब इशारों-इशारों में अपनी उपेक्षा को लेकर उन्होंने नाराजगी जताई है।

मध्य प्रदेश के बाद अब उससे सटे राज्य छत्तीसगढ़ में भी कॉन्ग्रेस के मतभेद सामने आने लगे हैं। यहाँ भी पार्टी सत्ता में है और संयोग ये है कि मध्य प्रदेश की तरह यहाँ भी चर्चा ‘महाराज’ को लेकर ही हो रही है। यहाँ ज्योतिरादित्य सिंधिया की नहीं, छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की बात हो रही है। वे सरगुजा के मानद राजा भी हैं। छत्तीसगढ़ में पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों में तब राज्य कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष रहे वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अलावा सिंहदेव ने भी ख़ासी मेहनत की थी। चुनाव जीतने के बाद उनका नाम सीएम पद की रेस में भी शामिल था।

हुआ यूँ की कोरोना वायरस को लेकर अन्य राज्यों की तरह छत्तीसगढ़ में भी बैठक हुई। मुख्यमंत्री बघेल ने इस उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। विडम्बना देखिए कि जिस विभाग की कोरोना से निपटने की तैयारियों में अहम किरदार होगा, उसी विभाग के मंत्री को इस बैठक में नहीं बुलाया गया। स्वास्थ्य अधिकारी तो पहुँचे लेकिन स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव नदारद रहे। बाद में सिंहदेव ने भी इशारों-इशारों में मुख्यमंत्री कार्यालय को लपेटे में ले लिया। उन्होंने कहा कि बैठक में उनकी मौजूदगी मुख्यमंत्री कार्यालय को सुनिश्चित करनी चाहिए थी।

भाजपा के लोग तो अटकलें लगा रहे हैं कि मध्य प्रदेश की तरह अब छत्तीसगढ़ में भी कॉन्ग्रेस की अंदरूनी कलह सतह पर आने लगी है। हालाँकि, यहाँ मध्य प्रदेश या राजस्थान की तरह उसके पास अल्पमत या मामूली बहुमत वाली समस्या नहीं है, क्योंकि पार्टी के पास 90 में से 69 सीटें हैं। भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि जल्द ही यहाँ भी मध्य प्रदेश जैसी स्थिति देखने को मिलेगी। अग्रवाल ने कहा कि राजस्थान में भी कॉन्ग्रेस का यही हाल है। अग्रवाल ये दावा करने से नहीं चूके कि आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ में भी कोई ‘ज्योतिरादित्य सिंधिया’ देखने को मिल सकते हैं।

हालाँकि, बाद में टीएस सिंहदेव ने इन बातों से इनकार तो किया लेकिन खुल कर कुछ नहीं कहा। ये वही नेता हैं, जो कहते रहे हैं कि वो 100 जीवन मिलने के बावजूद भाजपा में नहीं जाएँगे। हाल ही में उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया की आलोचना भी की थी, जो मध्य प्रदेश में कॉन्ग्रेस के 22 विधायकों को तोड़ कर भाजपा में पहुँचे हैं। उन्होंने कहा था कि कप्तान कोई एक ही व्यक्ति रहता है और विराट कोहली को अगर भारतीय टीम में मौका नहीं मिलेगा तो इसका मतलब ये नहीं है कि वो पाकिस्तान में जाकर खेलने लगेंगे। सिंहदेव अब कह रहे कि शायद जल्दबाजी में बैठक बुलाए जाने के कारण सीएम ने उन्हें नहीं बुलाया होगा।

इधर स्वास्थ्य मंत्री की अनुपस्थिति में हुई बैठक में भूपेश बघेल ने निर्णय लिया कि कोरोना वायरस के खतरों को देखते हुए 31 मार्च तक सभी स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे। बघेल ने विभिन्न विभागों को अलग-अलग निर्देश देते हुए केंद्र की एडवाइजरी के अनुरुप काम करने को कहा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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