Friday, November 15, 2024
Homeराजनीतिजबरन वसूली केस में अनिल देशमुख की याचिका पर सुनवाई से हटे बॉम्बे HC...

जबरन वसूली केस में अनिल देशमुख की याचिका पर सुनवाई से हटे बॉम्बे HC के दो जज, 11 अप्रैल तक सीबीआई हिरासत में भेजे गए पूर्व मंत्री

अनिल देशमुख को जबरन वसूली के एक मामले में बड़ा झटका देते हुए अब 11 अप्रैल तक केंद्रीय जाँच ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत में भेज दिया गया है।

बॉम्बे हाईकोर्ट के दो जजों ने बुधवार (6 अप्रैल, 2022) को महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की ओर से दायर एक याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। याचिका में निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी गई थी जिसमें सीबीआई को भ्रष्टाचार के एक मामले में देशमुख को हिरासत में लेने की अनुमति दी गई थी।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, देशमुख की याचिका को न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था। लेकिन जब मामला सुनवाई के लिए आया तो न्यायमूर्ति डेरे ने कहा, “मेरे सामने नहीं” और संकेत दिया कि वह इस पर सुनवाई नहीं कर रही हैं।

अनिल देशमुख की गिरफ्तारी के मामले उनके वकील अनिकेत निकम ने तब जस्टिस पीडी नाइक से संपर्क कर तत्काल सुनवाई की माँग की। जिस पर सुनवाई से पहले ही जस्टिस नाइक ने भी खुद को यह कहते हुए अलग कर लिया कि, मेरे सामने सूचीबद्ध नहीं किया जाए। हालाँकि, बॉम्बे हाईकोर्ट के दोनों न्यायाधीशों ने सुनवाई से अलग होने का कोई कारण नहीं बताया है। वहीं अब कहा जा रहा है कि HC के मुख्य न्यायाधीश अब मामले को किसी अन्य न्यायाधीश को सौंपेंगे।

बता दें कि अनिल देशमुख को जबरन वसूली के एक मामले में बड़ा झटका देते हुए अब 11 अप्रैल तक केंद्रीय जाँच ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत में भेज दिया गया है। वहीं सोमवार (4 अप्रैल, 2022) को ही देशमुख ने एक वकील के माध्यम से दायर अपनी याचिका में सीबीआई द्वारा उनकी हिरासत की माँग वाली याचिका को भी चुनौती दी थी।

गौरतलब है कि मुंबई की एक अदालत ने 31 मार्च, 2022 को सीबीआई की वह अर्जी स्वीकार कर ली थी जिसमें महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को उनके और अन्य के खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार के मामले की जाँच के लिए उसकी हिरासत में देने का अनुरोध किया गया है।

बता दें कि विशेष सीबीआई अदालत ने अनिल देशमुख के सहयोगियों संजीव पलांडे और कुंदन शिंदे तथा बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को भी सीबीआई हिरासत में लेने की इजाजत दी थी। ED द्वारा मनी लॉन्डरिंग मामले में गिरफ्तारी के बाद से देशमुख, पलांडे और शिंदे न्यायिक हिरासत में हैं। देशमुख ने तर्क दिया था कि वह जाँच में सहयोग कर रहे हैं और इसलिए उन्हें सीबीआई हिरासत में नहीं दिया जाना चाहिए।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बांग्लादेश में संविधान का ‘खतना’: सेक्युलर, समाजवादी जैसे शब्द हटाओ, मुजीब से राष्ट्रपिता का दर्जा भी छीनो – सबसे बड़े सरकारी वकील ने दिया...

युनुस सरकार बांग्लादेश के संविधान से 'सेक्युलर' शब्द निकालने की तैयारी कर रही है। इसे इस्लामीकरण की दिशा में एक कदम के तौर पर देखा जा रहा है।

हाई कोर्ट 1- नाबालिग बीवी से सेक्स मतलब रेप, हाई कोर्ट 2- नाबालिग हिंदू लड़की के अपहरण-रेप के आरोपित जावेद को बेल: कानून में...

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हिंदू नाबालिग लड़की का अपहरण करके उसके साथ रेप करने के आरोपित जावेद आलम नामक व्यक्ति को जमानत दे दी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -