Sunday, November 17, 2024
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UP में नए मदरसों को अब नहीं मिलेगा अनुदान: योगी सरकार का बड़ा फैसला, अखिलेश यादव के जमाने में खोल दिया गया था खजाना

उत्तर प्रदेश में इस समय 559 मदरसे हैं जिन्हें सरकारी अनुदान दिया जा रहा है। लेकिन मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने इस प्रस्ताव को पास किया कि आगे से किसी भी नए मदरसे को अनुदान नहीं मिलेगा।

उत्तर प्रदेश में अब नए मदरसों को किसी तरह का अनुदान नहीं दिया जाएगा। ये फैसला योगी सरकार की कैबिनेट में हुआ है। योगी सरकार ने इस संबंध में प्रस्ताव पारित करते हुए अखिलेश सरकार की पुरानी नीति को खत्म कर दिया। नए प्रस्ताव के बाद कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर भी मदरसों को कोई राहत नहीं मिलेगी।

बता दें कि उत्तर प्रदेश में कुल 16461 मदरसे हैं। इनमें से 559 मदरसों को इस समय सरकारी अनुदान दिया जा रहा है। इसी अनुदान से इन मदरसों के शिक्षकों, गैर शिक्षण कर्मचारियों को वेतन मिलता है। मंगलवार (17 मई 2022) को हुई कैबिनेट बैठक में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने इस प्रस्ताव को पास किया कि आगे से किसी भी नए मदरसे को अनुदान नहीं मिलेगा। पिछले वर्ष भी योगी सरकार की ओर से किसी नए मदरसे को अनुदान नहीं दिया गया था।

जानकारी के अनुसार, अखिलेश सरकार द्वारा साल 2016 में मदरसों को अनुदान देने के लिए नीति लागू की गई थी, जिसे योगी सरकार ने खत्म किया है। इस नीति के तहत साल 2003 तक मान्यता पाने वाले 146 मदरसों को सपा सरकार ने अनुदान देने का निर्णय लिया था। हालाँकि योगी सरकार के पहले कार्यकाल में किसी मदरसे को ये अनुदान नहीं मिला। इसके बाद सपा सरकार की नीति का हवाला देते हुए मदरसा प्रबंधक हाई कोर्ट गए और बात रखी कि वे हर मानक को पूरा कर रहे हैं तो उन्हें अनुदान क्यों नहीं मिल रहा।

हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए मऊ के एक मदरसे मामले में सरकार को अनुदान देने पर विचार करने को कहा। सरकार ने जब इस मदरसे के मानकों को जाँचा तो पता चला कि उसकी तो मान्यता ही फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मिली थी। अब अन्य मदरसे को अनुदान देने वाले मामलों में सरकार मऊ वाले केस से सीख ले रही है और जो दावा कर रहे हैं कि वो अनुदान के लिए हर मानक पूरा करते हैं उसकी पहले जाँच करने को कह रही है।

उल्लेखनीय है कि अभी हाल में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य के मदरसों को लेकर एक और बड़ा फैसला लिया था। इसमें कहा गया था कि राज्य के सभी अनुदानित और गैर अनुदानित मदरसों में कक्षा से पहले राष्ट्रगान अनिवार्य होगा। ये फैसला सरकार ने मदरसा छात्रों में देशभक्ति बढ़ाने के लिहाज से लिया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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