मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर यूपी में हो रहे प्रदर्शनों और दिल्ली में हिंसा को लेकर कड़ा रुख दिखाया है। सीएए, एनपीआर और एनआरसी के नाम को लेकर विपक्ष पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाते हुए बुधवार (फरवरी 26, 2020) को सवाल किया कि सीएए पर इतना बवाल क्यों हो रहा है?
सीएम योगी ने विधानसभा में बजट सत्र के दौरान विपक्ष पर तंज कसते हुए पूछा, “आखिर देश की छवि खराब करके आप क्या पाना चाहते हैं। देश में आगजनी करके तोड़फोड़ करके निर्दोष लोगों को निशाना बनाकर क्या चाहते हैं? आज भी तो आप सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। बुद्धिमान व्यक्ति बार-बार ठोकर नहीं खाता। आप सीएए, एनपीआर और एनआरसी के नाम पर भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे हैं। आप समाज की अपूरणीय क्षति कर रहे हैं। आने वाली पीढ़ी इस कृत्य के लिए कभी माफ नहीं करेगी।”
सीएम ने कहा, “अगर कुछ लोगों को गलतफहमी हुई है कि वो कानून-व्यवस्था को अपने हाथ में लेकर चीजों को अपने तरीके से चला सकते हैं तो सरकार को इसका समाधान निकालना आता है।” आगे उन्होंने यह भी कहा कि कुछेक लोग दूसरों को मार रहे हैं और अगर वो उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार उन पर लाठीचार्ज नहीं करेगी, तो ऐसा नहीं होने जा रहा है।
सीएम योगी आदित्यनाथ यहीं पर नहीं रुके। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “एक बात नोट कर लें… किसी गलतफहमी का शिकार होंगे… ये ‘कयामत का दिन’ कभी नहीं आने वाला है।” उन्होंने आगे कहा, “प्रदेश में लोकतांत्रिक अधिकारों की छूट है मगर लोकतंत्र की आड़ में आगजनी करने की छूट सरकार नहीं देगी…तोड़ फोड़ करने की छूट सरकार नहीं देगी और जिसने किया है उससे वसूली भी करेगी।”
विधानसभा में बजट पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सबका विकास करेगी, लेकिन तुष्टिकरण किसी का नहीं करेगी। सभी अपनी परंपराओं के अनुसार त्योहार मनाएँ, लेकिन दूसरों के मामलों में दखल देंगे तो खामियाजा भुगतना पड़ेगा। पिछली सरकार में पुलिस लाइन में जन्माष्टमी नहीं मनाई जाती थी, काँवड़ यात्रा में डीजे नहीं बजा सकते थे। हमने दोनों परंपराओं को लागू किया। इस दौरान जब समाजवादी पार्टी सदस्य राकेश प्रताप सिंह ने योगी सरकार से पूछा कि क्या सरकार हिंसा में मारे गए परिवार के लोगों को कोई मुआवजा देगी। इसके जवाब में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा- जी नहीं। ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।
सीएम योगी ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के नाम पर विरोध प्रदर्शन अनावश्यक है। यह नागरिकता देने का कानून है। प्रधानमंत्री बार-बार कह चुके हैं कि इससे किसी से नागरिकता नहीं जाने वाली है। यह कानून 1955 में कॉन्ग्रेसी सरकार ने बनाया था, इसमें सिर्फ एक संशोधन किया गया है। 11 वर्ष के जगह पर 5 वर्ष कर दिया गया है। सीएम योगी ने कहा कि वह बनाएँगे तो ठीक है, हम बना दें तो बुरा है?