Sunday, November 17, 2024
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होली मतलब न कोई जाति और न ही कोई वर्ग या क्षेत्रीय विभाजन: CM योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में ऐसे मनाई होली

"हर काल खण्ड में भक्त प्रह्लाद, हिरण्यकश्यप और होलिका होते हैं। लेकिन ईश्वर की कृपा प्रह्लाद अर्थात धर्म, सत्य और न्याय के मार्ग पर चलने वाले भक्त को ही मिलती है। जो राष्ट्र की भक्ति करते हैं, समाज का हित सोचते हैं, परमात्मा की कृपा उसी पर होती है। विघटनकारी, अराजक और अनुशासनहीन तत्वों पर परमात्मा की कृपा कभी नहीं होती है।"

पूरा देश होली के रंगों में सराबोर है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर में आयोजित होली समारोह में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हर कोई एक साथ रंगों का त्यौहार मना रहा है। इस त्यौहार को मना रहे लोगों के बीच जाति, वर्ग या क्षेत्र को लेकर किसी प्रकार का मतभेद नहीं है।

योगी आदित्यनाथ ने कहा, “मैं सभी को होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ देता हूँ। होली हमेशा अपने मन में किसी के प्रति किसी भी प्रकार की घृणा या ईर्ष्या न रखने की प्रेरणा देती है। ऐसे अवसर आते हैं, जब हमारा सब कुछ राष्ट्र को समर्पित होता है। ये त्यौहार हमें ऐसी ही प्रेरणा दे रहा है। न तो कोई जाति है और न ही कोई वर्ग या क्षेत्रीय विभाजन है। सभी एक साथ होली मना रहे हैं। एकता का संदेश देने का इससे बड़ा अवसर और क्या हो सकता है?”

योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में आयोजित भगवान नरसिंह की शोभायात्रा कार्यक्रम में भी शामिल हुए। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उत्साह, उमंग और सकारात्मकता को एक दूसरे में बाँटकर आगे बढ़ते रहेंगे तो समाज में कहीं भी कोई अभाव नहीं रहेगा। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए सीएम योगी ने कहा कि बीते दो वर्षों में कोरोना महामारी से पूरी दुनिया प्रभावित थी। उत्सव और त्यौहार मनाने में हर व्यक्ति के मन में संशय रहता था कि कभी भी कोरोना हो सकता है। लेकिन आज कोरोना का भय दूर हो गया है। कोरोना पूरी तरह समाप्त हो गया है और सभी लोग उमंग और उत्साह के साथ होली मना रहे हैं।

सीएम योगी ने यह भी कहा है कि भारत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना से जिस तरह से लड़ाई लड़ी है और इसका प्रबंधन किया है, उसकी पूरी दुनिया में सराहना हुई है। महामारी से कैसे लड़ा जाना चाहिए, नागरिकों के प्रति किस तरह की संवेदना होनी चाहिए, एक-एक व्यक्ति की देखभाल कैसे होनी चाहिए, दुनिया के सामने इसका उदाहरण प्रस्तुत किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा:

“होलिका दहन व्यक्तिगत ईर्ष्या, द्वेष, भेदवाव और अहंकार को दहन करने का एक अवसर हमें प्रदान करता है। ये रंग भरी होली का त्यौहार आपसी भेदभाव को दूर करने की भी प्रेरणा प्रदान करता है। हर काल खण्ड में भक्त प्रह्लाद, हिरण्यकश्यप और होलिका होते हैं। लेकिन ईश्वर की कृपा प्रह्लाद अर्थात धर्म, सत्य और न्याय के मार्ग पर चलने वाले भक्त को ही मिलती है। जो राष्ट्र की भक्ति करते हैं, समाज का हित सोचते हैं और लोक कल्याणकारी कार्य करते हैं, परमात्मा की कृपा उसी पर होती है। विघटनकारी, अराजक और अनुशासनहीन तत्वों पर परमात्मा की कृपा कभी नहीं होती है। इसलिए इन बातों को हमेशा ध्यान में रखते हुए ही सभी त्यौहार मनाएँ।”

उन्होंने यह भी कहा कि होली, दिवाली, रक्षाबंधन, शिवरात्रि , श्रीकृष्ण जन्माष्टमी या फिर श्रीरामनवमी किसी भी त्यौहार में एकाकीपन का एहसास नहीं होता। उनके अनुसार हमारे पर्व और त्यौहार में सामूहिकता के दर्शन हैं। जैसे एक व्यक्ति से यज्ञ नहीं हो सकता, उसी तरह से एकाकी भावना से पर्व व त्यौहार भी नहीं मनाए जा सकते। पर्व और त्यौहार सामाजिक, सांस्कृतिक यज्ञ हैं और जब हम सामूहिकता के भाव से इसमें जुड़ते हैं तो पर्व की खुशियाँ कई गुना बढ़ जाती हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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