उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए यूनिवर्सिटी बनाया जाएगा। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार ने यह फैसला लिया है। इसका मकसद ट्रांसजेंडर समुदाय को कक्षा एक से स्नातकोत्तर (पोस्ट ग्रेजुएशन) तक की पढ़ाई की सुविधा मुहैया कराना है। साथ ही वे शोध व पीएचडी की डिग्री भी हासिल कर सके। अपनी तरह का यह देश का पहला यूनिवर्सिटी होगा।
ख़बर के अनुसार, यह विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश के कुशीनगर ज़िले के फजीलनगर ब्लॉक में बनेगा। इसे अखिल भारतीय किन्नर शिक्षा सेवा ट्रस्ट बनाएगा। ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. कृष्ण मोहन मिश्रा ने बताया, “यह अपनी तरह का देश का पहला विश्वविद्यालय होगा, जहाँ ट्रांसजेंडर समुदाय के छात्र शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अगले साल 15 जनवरी से इस यूनिवर्सिटी में छात्रों को दाखिला मिलेगा। फरवरी-मार्च से कक्षाएँ शुरू हो जाएँगी।”
मिश्रा ने कहा, “विश्वविद्यालय में, ट्रांसजेंडर समुदाय कक्षा एक से स्नातकोत्तर तक की पढ़ाई कर सकेंगे और यहाँ तक कि शोध भी कर सकेंगे और पीएचडी की डिग्री प्राप्त कर सकेंगे।”विधायक गंगा सिंह कुशवाहा ने कहा कि समुदाय के सदस्य शिक्षा प्राप्त करेंगे और देश को एक नई दिशा देने में सक्षम होंगे। भाजपा सांसद रमापति राम त्रिपाठी की मौजूदगी में रविवार को स्कूल का शिलान्यास किया गया।
ट्रांसजेंडर समुदाय ने योगी आदित्यनाथ सरकार के फ़ैसले का स्वागत किया है और विश्वविद्यालय खोलने पर भी ख़ुशी जताई है। किन्नर अखाड़े के लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने फ़ैसले का स्वागत किया और कहा कि इससे समुदाय के लोगों को शादियों में नाचने से परे एक जीवन जीने में मदद मिल सकेगी। इस तरह की पहल से उन्हें आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलती है।
किन्नर समुदाय के सदस्यों में से एक गुड्डी किन्नर ने कहा, “मुझे ख़ुशी है कि हम शिक्षित होंगे और समाज में सम्मान प्राप्त करेंगे। शिक्षा में शक्ति है और मुझे यक़ीन है कि इससे न केवल हमारा जीवन बल्कि दूसरों के जीवन को भी बदलेगा।”
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