उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को रामायण की प्रति भेजी है। ऐसा करके उन्होंने चीन को संदेश दिया है कि वह अपनी विस्तारवादी नीति से बाज आ जाएँ क्योंकि ऐसी ही नीति के कारण रावण का सर्वनाश हुआ था। सतपाल महाराज ने कमला सुब्रमणियम की अंग्रेजी में लिखी प्रति चीन राष्ट्रपति को भेजी है।
उत्तराखंड सरकार के मंत्री ने गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों पर हुए हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि गलवान घाटी में जिस प्रकार से चीन सैनिकों ने अपनी विस्तारवादी सोच के चलते निहत्थे भारतीय जवानों पर हमला बोला, वो बहुत निंदनीय है। सतपाल महाराज का कहना है कि वो राष्ट्रपति शी जिनपिंग को प्राचीन ग्रंथ रामायण भेजकर ये बताना चाहते हैं कि दस सिर वाले रावण का इसी सोच के कारण क्या हश्र हुआ था।
#Uttarkhand tourism minister Satpal Maharaj said that he had sent a copy of the Indian mythological epic “Ramayana” to #Chinese President Xi Jinping in order to remind him that ‘expansionist’ thinking leads to destruction. pic.twitter.com/aZtcmlCAC5
— Amit Singh (@editorneindia) July 8, 2020
वे कहते हैं कि उन्हें आशा है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग रामायण से शिक्षा लेकर रावण की विस्तारवादी सोच से हुए उसके पतन से कुछ सबक लेंगे। उन्होंने कहा कि उनका चीन को यह भी संदेश है कि चीन की जनता का जो भारी भरकम पैसा वह अपनी सैनिक शक्ति बढ़ाने पर खर्च कर रहे है। उसे उस बीमारी की रोकथाम पर खर्च करें जिससे आज पूरी दुनिया त्रस्त है।
उन्होंने बताया कि भारत की विस्तारवादी सोच नहीं है। भारत ने बांग्लादेश को जीतने के बावजूद उसपर अपना अधिकार छोड़ दिया। जबकि चीन का रवैया प्रारंभ से ही विस्तारवादी रहा है। उन्होंने तिब्बत का उल्लेख करते हुए कहा कि चीन अपना विस्तारवादी रवैया तिब्बत की ओर दर्शा चुका हैं। इसलिए वह उम्मीद करते हैं कि रामायण को पढ़कर शी जिनपिंग में सदबुद्धि आएगी।
यहाँ बता दें, भारत सरकार द्वारा चीनी ऐप बैन किए जाने के बाद उत्तराखंड पर्यटन मंत्री ने भी पर्यटन क्षेत्र में चीन की कंपनियों के खिलाफ एक्शन लेने के लिए, उनके साथ हुए करार को लेकर सचिव से पूरा ब्योरा माँगा था। इस दौरान सबका उद्देश्य सिर्फ़ चीन को राजनीतिक, कूटनीतिक और आर्थिक रूप से घेरने का था।