Monday, November 18, 2024
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‘यदि राज्य, केंद्र सरकार तत्काल कार्रवाई नहीं करती, तो हिंदुओं को खुद ही बचाव करना होगा’: बंगाल हिंसा पर VHP

“राज्य के लगभग हर हिस्से से लगातार यही खबरें आ रही हैं कि हिन्दू घरों, मंदिरों, बस्तियों, बहिन-बेटियों व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को टीएमसी के कार्यकर्ता व जिहादी तत्व सरेआम हिंसा, आगजनी व लूटपाट का शिकार बना रहे हैं। अनेक हिंदुओं को राजनैतिक प्रतिद्वंदियों द्वारा लगातार धमकियाँ भी दी जा रही हैं तथा इन सब मामलों में स्थानीय पुलिस-प्रशासन मूक दर्शक बन तमाशा देख रहा है।"

विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा की निंदा करते हुए राज्य सरकार से तत्काल कार्रवाई की माँग की है। संगठन द्वारा जारी बयान में, विहिप ने कहा कि राजनीतिक मतभेदों के बहाने राज्य में हिंसा, आगजनी और बर्बरता की घटनाओं ने न केवल देश को शर्मसार किया है, बल्कि लोकतांत्रिक मर्यादाओं को भी तार-तार किया है।

राज्य में मतगणना के दौरान प्रारंभ हुए अनेक प्रकार के अनवरत हमलों पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए विहिप के केंद्रीय महा-मंत्री मिलिंद परांडे ने कहा कि बंगाल में हिंदू समाज भयाक्रांत है और जिनके पास राज्य की कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी है वे अपनी आँखें मूँदे बैठे हैं।

उन्होंने कहा, “राज्य के लगभग हर हिस्से से लगातार यही खबरें आ रही हैं कि हिन्दू घरों, मंदिरों, बस्तियों, बहिन-बेटियों व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को टीएमसी के कार्यकर्ता व जिहादी तत्व सरेआम हिंसा, आगजनी व लूटपाट का शिकार बना रहे हैं। अनेक हिंदुओं को राजनैतिक प्रतिद्वंदियों द्वारा लगातार धमकियाँ भी दी जा रही हैं तथा इन सब मामलों में स्थानीय पुलिस-प्रशासन मूक दर्शक बन तमाशा देख रहा है। ये हिंसा अब तक एक दर्जन से अधिक लोगों की जान ले चुकी तथा अनेक घर, दुकानें, मंदिर, बस्तियाँ व व्यावसायिक प्रतिष्ठान स्वाह हो चुके हैं। हिंसा की शिकार हुतात्माओं के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए विहिप महामंत्री ने माँग की कि राज्य शासन हिंसा के तांडव को अबिलंब रोक कर दंगाइयों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करें।”

बता दें कि राज्य के हर कोने से रिपोर्ट आ रही है कि भाजपा समर्थकों की संपत्तियों को नष्ट किया जा रहा है। कई रिपोर्टों में कहा गया कि महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया था लेकिन पुलिस ने दावों से इनकार किया है।

परांडे ने यह भी कहा कि राज्य सरकार के उदासीन रवैए को गंभीरता से लेते हुए अब केंद्र सरकार भी यथोचित कार्यवाही करें। जहाँ सुरक्षा-बल तक सुरक्षित ना हों वहाँ सामान्य नागरिकों का क्या हाल होगा, यह आसानी से समझा जा सकता है। वर्तमान शासन व राजनैतिक नेतृत्व द्वारा क्षुद्र राजनैतिक विद्वेष से अपने ही नागरिकों पर हो रहे भीषण अत्याचारों पर मूकदर्शक बन मुँह मोड़ लेना हिंसा को बढ़ावा देने से कम नहीं है। ऐसी परिस्थितियों में हिन्दू समाज को भी अपनी रक्षा का पूर्ण अधिकार है, जिसका वह प्रयोग करेगा।

पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा

बता दें कि पश्चिम बंगाल में 2 मई को चुनाव के नतीजे घोषित किए गए हैं, जिसके बाद से ही राज्य में हिंसा का दौर जारी है। बंगाल के कई जिलों में तोड़फोड़, आगजनी, लूटपाट, रेप और हत्या होने की शिकायत सामने आई है।

भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया है कि नंदीग्राम, कोलकाता, आसनसोल समेत कई इलाकों में उनके समर्थकों, कार्यकर्ताओं की दुकानें लूट ली गई हैं, घरों में आग लगाई गई है। इतना ही नहीं महिलाओं के साथ रेप किया गया है, जबकि कई कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है।कैलाश विजयवर्गीय का दावा है कि नतीजों के बाद से बंगाल में 9 बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या हो चुकी है। इनमें से 6 नाम सामने आ चुके हैं। जगदाल में शोभा रानी मंडल, राणाघाट में उत्तम घोष, बेलेघाट में अभिजीत सरकार, सोनारपुर दक्षिण में हरोम अधिकारी, सीतलकुची में मोमिक मोइत्रा और बोलपुर में गौरब सरकार की हत्या का बीजेपी ने दावा किया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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