पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा से खिलवाड़ किए जाने के मामले में मचे सियासी बवाल के बीच प्रदेश के डीजीपी रहे सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को हटा दिया गया है। उनकी जगह ये जिम्मेदारी वीके भावरा को दी गई है। 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी वीके भावरा मौजूदा समय में होमगार्ड के डीजी हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार (8 जनवरी 2021) को चुनाव आयोग चुनाव पंजाब सहित 5 राज्यों में होने वाले चुनाव की तारीखों का ऐलान करने वाला था, उससे पहले पंजाब के डीजीपी को बदल दिया गया है। वीके भंवरा की बात की जाए तो वो विजिलेंस चीफ के तौर पर भी काम कर चुके हैं। उन्हें पिछले पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान आयोग ने प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया था।
डीजीपी के पद से हटाए गए सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय नवजोत सिंह सिद्धू के चहेते माने जाते हैं। दरअसल, पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबी डीजीपी रहे दिनकर गुप्ता के छुट्टी पर जाने के बाद आईपीएस सहोता को ये पदभार दिया गया था। नवजोत सिंह सिद्धू, कॉन्ग्रेस, मुख्यमंत्री चन्नी इन सब के बीच चले राजनीतिक सर्कस के कारण अंततः सिद्धू के ही करीबी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को यह जिम्मा दिया गया।
आप लोगों को जान कर यह आश्चर्य होगा कि डीजीपी पद के लिए जिन 10 आईपीएस अधिकारियों का नाम संघ लोक सेवा आयोग को भेजा गया था, उसमें भी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय का नाम ही नहीं था। संयोग देखिए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 जनवरी 2022 को पंजाब के दौरे पर गए थे। लेकिन प्रदर्शनकारियों द्वारा रास्ता रोके जाने के बाद उन्हें वापस लौटना पड़ा था। और यह सब डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय के पुलिस प्रमुख रहते हुए हुआ।
भटिंडा एयरपोर्ट से वापस लौटते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहाँ के अधिकारियों से कहा था, “अपने मुख्यमंत्री को धन्यवाद कहना, कि मैं भटिंडा एयरपोर्ट तक ज़िंदा पहुँच गया।” वहीं, पंजाब के उप-मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने माना था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक हुई है। जबकि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने सुरक्षा में किसी भी प्रकार की चूक की बात से इनकार किया था।