मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी के जुलूस के दौरान हुई हिंसा के 25 दिनों के बाद कॉन्ग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल 5 मई 2022 को दंगा प्रभावित इलाके में लोगों का हाल जानने के लिए पहुँचा। लेकिन, उन्हें बिल्कुल भी इस बात का अंदाजा नहीं रहा होगा कि वहाँ के नाराज लोग इनके खिलाफ ही नारेबाजी करते हुए इनका विरोध करेंगे। गुस्साए लोगों ने कॉन्ग्रेस के 5 विधायकों समेत दूसरे नेताओं को वहाँ से खदेड़ दिया।
कॉन्ग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने घटना का राजनीतिकरण करने और खरगोन को बदनाम करने का आरोप लगाया था। रिपोर्टों के अनुसार, खरगोन के लोकल लोगों ने दंगे के 20 से भी अधिक दिन बीतने के बाद हिंसा प्रभावित इलाके में पहुँचने पर कॉन्ग्रेसियों के खिलाफ नाराजगी व्यक्त की। लोगों ने खरगोन हिंसा पर कॉन्ग्रेस के रुख पर नाराजगी व्यक्त की। इनका कहना था कि कॉन्ग्रेस के प्रतिनिधिमंडल का ये दौरा किसी और मकसद को साधने के लिए हुए है।
#WATCH | Madhya Pradesh: A Congress delegation, that had visited the violence-hit Mali Mohalla area of Khargone, faced protest by the locals there. The locals raised their objection to the delegation visiting them only after more than 20 days since the violence. pic.twitter.com/0AmFduuunZ
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) May 5, 2022
लगे ‘दिग्विजय सिंह मुर्दाबाद’ के नारे
वायरल हो रहे वीडियो के मुताबिक, खरगोन के लोगों ने ‘दिग्विजय सिंह मुर्दाबाद’ के नारे भी लगाए। दरअसल, खरगौन हिंसा पर मुस्लिम तुष्टिकरण करते हुए दिग्विजय सिंह आरोप लगाया था कि बीजेपी ने ही गरीब मुस्लिम लड़कों को पैसे देकर काम पर रखा था और उसी ने उससे रामनवमी जुलूस पर पत्थर भी फिकवाए। उनके इसी कथित बयान से लोगों में नाराजगी है। दिग्विजय ने दावा किया था कि उन्हें ऐसी शिकायतें मिली हैं, जिनसे इस हिंदू जुलूसों पर हमले भाजपा द्वारा करवाए गए थे।
Locals raised slogans against former chief minister Digvijaya Singh before Congress leaders during their visit to violence hit localities in Khargone town of Madhya Pradesh on Thursday. pic.twitter.com/bZmSOZXfMq
— Free Press Journal (@fpjindia) May 5, 2022
नीमच में दिग्विजय सिंह ने कहा था, “मुझे कुछ शिकायतें मिली हैं, जिनका मैंने अभी तक सत्यापन नहीं किया है, लेकिन इन शिकायतों के अनुसार, भाजपा के कुछ लोग खुद गरीब मुस्लिम लड़कों को पत्थर फेंकने के लिए भुगतान करते हैं। मैं तथ्यों की जाँच करूँगा और फिर इस मुद्दे को उठाऊंगा।”
खरगोन हिंसा
रामनवमी के अवसर पर 10 अप्रैल 2022 को खरगोन में हिंदुओं की ओर से जुलूस निकाले गए थे। इस दौरान जुलूस पर मुस्लिमों ने पत्थरबाजी की। इसके साथ ही जम कर आगजनी भी की गई। वहाँ भारी मात्रा में पुलिस बल को तैनात किया गया है। आगजनी और तोड़फोड़ के दौरान हुई हिंसा में कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। खरगोन के तालाब चौक और तवड़ी इलाके में ये घटना हुई, जहाँ से गुजर रहे रामनवमी के जुलूस पर भीड़ ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। इस घटना में 6 पुलिसकर्मियों समेत 24 लोग घायल हुए थे।
इस दंगे के बाद खरगोन प्रशासन ने दंगाइयों के खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए उनकी अवैध रूप से निर्मित संपत्तियों पर बुलडोजर चलाया। इस अभियान में 5 जेसीबी मशीनें लगा दीं। इसके साथ ही करीब 77 आरोपितों को गिरफ्तार भी कर लिया है।