पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बीच हिंसा की घटनाएँ थमने का नाम नहीं ले रही हैं। इसी कड़ी में रविवार को नादिया जिले में रोआवारी गाँव के मंडलपारा में भाजपा कार्यकर्ता का शव मिला है। यह क्षेत्र चकदहा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है, जहाँ पाँचवें चरण के तहत मतदान हुआ है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मृतक की पहचान दिलीप कार्तनिया के रूप में हुई है, जो भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता थे। वह शनिवार को बूथ स्तर पर पार्टी के लिए काम कर रहे थे। बताया जा रहा है कि पोलिंग के दिन कुछ अज्ञात बदमाशों ने कार्तनिया को धमकी दी थी। बाद में लगभग 11 बजे उन्हें किसी अज्ञात ने बुलाया तो वे घर से चला गए, लेकिन फिर नहीं लौटे।
भाजपा कार्यकर्ता का शव रविवार सुबह उनके घर के पीछे झाड़ियों से बरामद किया गया। चश्मदीदों ने बताया कि दिलीप कीर्तानिया की नाक, कान और मुँह से खून बह रहा था। उनकी हालत को देखते हुए उन्हें तुरंत चकदाहा स्टेट जनरल अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
Dilip Kirtaniya, a BJP activist from the past 8 years,was brutally murdered while he was defending the Democracy.
— Ajeet Prakash Pandey (@ajeetpandeybjp) April 18, 2021
Bengal will respond to all these atrocities! #EbarBJPSorkar @TajinderBagga pic.twitter.com/FFfC89wU62
जब दिलीप की मौत की खबर उसके परिवार के सदस्यों को दी गई, तो उन्होंने अस्पताल के बाहर धरना दिया। परिजनों का आरोप है कि दिलीप को बेरहमी से पीटा गया है और चोट लगने से उनकी मौत हो गई। दिलीप कीर्तानिया के परिवार वालों ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की माँग की। बाद में हालात को काबू करने के लिए पुलिस अधिकारियों की टीम अस्पताल पहुँची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
हत्या पर राजनीतिक दलों की बयानबाजी शुरू
घटना के बाद आक्रोशित भाजपा कार्यकर्ताओं और पार्टी के नेताओं ने सड़क जाम कर दिलीप कीर्तानिया को न्याय दिलाने की माँग की। भाजपा कार्यकर्ताओं ने पलापारा पुलिस स्टेशन की ओर आने वाली ट्रेनों को भी रोक दिया। भाजपा ने तृणमूल कॉन्ग्रेस के गुंडों पर हत्या का आरोप लगाया है।
भाजपा नेता जयप्रकाश मजूमदार ने कहा, “यह तृणमूल कॉन्ग्रेस की संस्कृति है। उन्होंने भाजपा के पोलिंग एजेंट को बुलाया और उसकी हत्या कर दी। भाजपा का समर्थन करना टीएमसी की नजर में अपराध है। उन्हें विपक्षी दलों के खिलाफ ऐसे अपराध करने के लिए उनकी पार्टी हाईकमान द्वारा निर्देशित किया जाता है। यही कारण है कि निचले स्तर के कार्यकर्ता अपने तरीके से काम कर रहे हैं। हम दोषियों को सजा दिलाने की माँग कर रहे हैं।”
वहीं टीएमसी नेता और पूर्व मंत्री तापस रॉय ने आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया, “2019 के लोकसभा चुनाव के बाद राज्य में भाजपा ने हत्या की राजनीति शुरू की। वे राजनीति में इतने निचले स्तर तक गिरकर खुशी महसूस करते हैं। वो इस हत्या की जाँच के बिना किसी नतीजे पर कैसे पहुँच सकते हैं? वे टीएमसी पर आरोप कैसे लगा सकते हैं? जाँच होने दीजिए। सच्चाई सामने आ जाएगी। ”
भाजपा के पोलिंग एजेंट को टीएमसी के गुंडों ने बेरहमी से पीटा
दूसरी घटना शनिवार की है, बताया जा रहा है कि उत्तर 24 परगना जिले के हरोआ विधानसभा क्षेत्र में अपना वोट डालने जा रहे अजीत धर नाम के एक भाजपा पोलिंग एजेंट पर कथित तौर पर एक टीएमसी कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया। रिपब्लिक टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक टीएमसी के गुंडों ने भाजपा नेता का कॉलर पकड़कर उसे भाजपा को वोट नहीं देने की धमकी दी थी। भाजपा का आरोप है कि मारपीट में पार्टी के पोलिंग एजेंट के सिर में फ्रैक्चर हुआ था। अजीत धर ने बताया कि उनके सिर पर टीएमसी कार्यकर्ताओं ने लाठियों से हमला किया था।
भाजपा कार्यकर्ता को इलाज के लिए बर्धमान मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। टीएमसी कार्यकर्ता ने भाजपा एजेंट से पूछा कि वह कहाँ जा रहा था और उसने अम्फान चक्रवात के दौरान तृणमूल सरकार से पैसे क्यों लिए। इसी को लेकर भाजपा के पोलिंग एजेंट और TMC गुंडों के बीच गर्मागर्मी हुई। भाजपा के एक अन्य पोलिंग एजेंट सुब्रतो घोष ने बताया कि उसने देखा है कि टीएमसी कार्यकर्ताओं ने धर पर हमला किया था। हमले के बाद वह पोलिंग स्टेशन तक पहुँच ही नहीं सके।