Tuesday, November 19, 2024
Homeराजनीति'क्या प्रजातंत्र में वोट की सजा मौत है': असम में बंगाल के गवर्नर को...

‘क्या प्रजातंत्र में वोट की सजा मौत है’: असम में बंगाल के गवर्नर को देख फूट-फूट रोए पीड़ित, पाँव से लिपट महिलाओं ने सुनाई पीड़ा

“मैं हैरान हूँ कि, विधि का शासन पूरी तरह से ध्वस्त हो गया। मैं सपने में भी नहीं सोच सकता था कि ऐसा कुछ हो सकता है।”

पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद भड़की हिंसा के पीड़ितों का हाल जानने के लिए राज्यपाल जगदीप धनखड़ प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर हैं। उन्होंने गुरुवार को कूच बिहार के हिंसा प्रभावित इलाकों का जायजा लिया था। शुक्रवार को (मई 14, 2021) वे पड़ोसी राज्य असम पहुँचे। हिंसा के बाद घर छोड़ने को मजबूर बंगाल के सैकड़ों नागरिकों ने असम के राहत शिविरों में शरण ले रखी है।

राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने रणपगली में बने कैंप में पीड़ितों से मुलाकात की। जहाँ कई लोगों ने उन्हें अपना दर्द बताया। इस दौरान कई महिलाएँ इतनी भावुक हो गईं कि वे राज्यपाल के पाँव से लिपट फूट-फूट कर रोने लगीं। एक बुजुर्ग उनसे लिपट कर रोने लगीं। इसके बाद राज्यपाल कोकराझार के श्रीरामपुर कैंप में गए। दोनों ही जगह बंगाल से सटी हुई हैं।

पीड़तों से हुई इस मुलाकात के बाद राज्यपाल ने अपना गुस्सा जाहिर किया। उन्होंने कहा, “लोगों के घर किस तरह से बर्बाद हुए, व्यापारी संस्थानों का क्या हाल किया गया है। ये सब एक ही कारण से किया गया कि दुनिया के सबसे बड़े प्रजातंत्र में आपने इतनी बड़ी हिमाकत क्यों कर ली कि अपनी मर्जी से वोट दे रहे हो। क्या प्रजातंत्र में वोट देने की सजा मौत है।”

बता दें कि गुरुवार को राज्यपाल ने बंगाल में मायाभांगा, सीतलकूची, सिताई और दीनहाट का दौरा किया था। इस दौरान वह पीड़ितों से उनके परिजनों से मिले। हालाँकि, बीच में कई जगह उन्हें विरोध का सामना भी करना पड़ा। जैसे-सीतलकूची में जब वह पहुँचे तो उन्हें वहाँ काले झंडे दिखाए। इसके अलावा कूचबिहार जिले के दीनहाटा में भी वापस जाने के लिए नारेबाजी हुई। यहाँ तो दर्जन भर लोगों ने पोस्टर लेकर नारा दिया, “भाजपा के राज्यपाल वापस जाओ।”

जगदीप धनखड़ ने सारा नजारा देखकर कहा, “मैं हैरान हूँ कि, विधि का शासन पूरी तरह से ध्वस्त हो गया। मैं सपने में भी नहीं सोच सकता था कि ऐसा कुछ हो सकता है।” इसके बाद पुलिस ने सभी लोगों को मौके से भगाया। बाद में राज्यपाल ने हिंसा प्रभावित लोगों से मुलाकात करने के बाद कहा, “मैंने लोगों की आँखों में डर देखा है और थाने जाकर शिकायत करने से भी डर रहे हैं।”

उन्होंने पीड़ितों का हाल देख कहा,  “घर लूट लिए गए हैं, बेटी के ब्याह के लिए रखे गए गहने, श्राद्ध के लिए रखे बर्तन और अन्य चीजें भी लूट ली गई हैं।” उन्होंने रास्ते में जगह-जगह हुए विरोध को देख कहा, “मैं किसी भी परिस्थिति में बिना किसी रुकावट और विचलित हुए बिना अपने संवैधानिक कर्तव्य का निर्वहन करूँगा।”

उल्लेखनीय है कि बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) की मुखिया ममता बनर्जी ने राज्यपाल के दौरों को लेकर आपत्ति जताई थी। उन्होंने राज्यपाल पर राजनैतिक मर्यादाओं के उल्लंघन का आरोप लगाया था। गवर्नर के कूच बिहार दौरे को लेकर भी उन्होंने कहा था कि यह नियमों का उल्लंघन है। राज्यपाल अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।

उससे पहले 10 मई को धनखड़ ने कहा था कि राज्य के हालात बेहद चिंताजनक हैं। राजनीतिक बदले की हिंसा, आगजनी, लूट की घटनाएँ डराने-धमकाने और जबरन वसूली तक पहुँच गई है। उन्होंने प्रभावित इलाकों में जाने की जानकारी देते हुए कहा था कि इसमें राज्य सरकार सहयोग नहीं कर रही। उन्होंने कहा था, “अपने संवैधानिक दायित्वों के तहत मैंने प्रभावित इलाकों का दौरा करने का फैसला किया है। इस संबंध में राज्य सरकार से आवश्यक इंतजाम करने को कहे। लेकिन, राज्य सरकार की प्रतिक्रिया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण थी।”

 पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में दो मई को टीएमसी की जीत सुनिश्चित होते ही हिंसा भड़क उठी थी। विपक्षी दलों खासकर बीजेपी के कार्यकर्ताओं, उनके घरों और दफ्तरों को निशाना बनाया गया था। हिंसा का आरोप सत्ताधारी टीएमसी के गुंडों पर हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी पिछले दिनों राजनीतिक हिंसा में अलग-अलग दलों के 16 लोगों की मौत की बात स्वीकार की थी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

दावा- पंजाब में कम हुई पराली जलाने की घटना, हकीकत- नासा के भी उपग्रहों को चकमा दे रहे हैं किसान: यूँ ही नहीं घुट...

विशेषज्ञों ने पाया है कि किसान अब दिन के ऐसे समय में पराली जला रहे हैं जब निगरानी करने वाले सैटेलाइट उस क्षेत्र के ऊपर नहीं होते।

मणिपुर में बिहार के लोगों से हफ्ता वसूली, हिंसा के लिए महिला ब्रिगेड: रिपोर्ट से कुकी संगठनों की साजिश उजागर, दंगाइयों को छुड़ाकर भी...

मणिपुर में हिंसा फैलाने के लम्बी चौड़ी साजिश रची गई थी। इसके लिए कुकी आतंकी संगठनों ने महिला ब्रिगेड तैयार की।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -