गुजरात विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान एक्टर और भाजपा नेता परेश रावल ने अवैध बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं के खिलाफ ‘मछली पकाने’ वाली टिप्पणी की थी। उनकी इस टिप्पणी को लेकर कोलकाता पुलिस ने उन्हें समन भेजा है। इस समन में, परेश रावल को सोमवार (12 दिसंबर 2022) को तलतला पुलिस स्टेशन में पेश होने के लिए कहा गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भाजपा के पूर्व सांसद परेश रावल ने गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान वलसाड में आयोजित एक रैली में कहा था, “गैस सिलेंडर महंगे हैं, लेकिन उसकी कीमतें कम हो जाएँगी। लोग रोजगार भी पा जाएँगें , लेकिन क्या होगा अगर रोहिंग्या और बांग्लादेशी आप के आसपास रहना शुरू कर दें जैसा कि दिल्ली में है? आप गैस सिलेंडर का क्या करेंगे? बंगालियों के लिए मछली पकाएँगे?”
परेश रावल के इस बयान के बाद सोशल मीडिया में उनकी आलोचना हो रही थी। इसके बाद उन्होंने अपने बयान पर सफाई देते हुए माफी माँग ली थी। उन्होंने ट्वीट कर कहा था, “निश्चित तौर पर मछली कोई मुद्दा नहीं है क्योंकि गुजराती मछली पकाते और खाते हैं। लेकिन, मैं बंगाली से स्पष्ट कर दूँ कि मेरा मतलब अवैध बांग्लादेशी रोहिंग्याओं से है। लेकिन, फिर भी अगर मैंने आपकी भावनाओं को ठेस पहुँचाई है तो मैं माफी माँगता हूँ।”
of course the fish is not the issue AS GUJARATIS DO COOK AND EAT FISH . BUT LET ME CLARIFY BY BENGALI I MEANT ILLEGAL BANGLA DESHI N ROHINGYA. BUT STILL IF I HAVE HURT YOUR FEELINGS AND SENTIMENTS I DO APOLOGISE. 🙏 https://t.co/MQZ674wTzq
— Paresh Rawal (@SirPareshRawal) December 2, 2022
परेश रावल के इस बयान के बाद शुक्रवार (2 दिसंबर 2022) को, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के नेता मोहम्मद सलीम ने परेश रावल के खिलाफ कोलकाता के तलतला थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। सीपीएम नेता ने एफआईआर में कहा था कि परेश रावल के बंगाली विरोधी बयानों से देश के अन्य राज्यों के लोगों में बंगाली विरोधी भावना विकसित हो सकती है।
CPI (M) नेता की शिकायत के बाद परेश रावल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153 (दंगे की मंशा से उकसाना), धारा 153 A (विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना ), धारा 153 B (भाषाई या नस्लीय समूहों के अधिकारों का खंडन करना) और धारा 504 (शांति भंग करने की मंशा से जानबूझकर अपमान करना ) समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।