सितंबर 2013 में राहुल गॉंधी को मनमोहन सिंह की सरकार का एक अध्यादेश सार्वजनिक तौर पर फाड़ते सबने देखा था। इस घटना के बाद तत्कालीन कॉन्ग्रेस उपाध्यक्ष की अपनी ही पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार के मुखिया को अपमानित करने और संवैधानिक मर्यादाओं को ताक पर रखने का आरोप लगा था। अब इसी तरह के आरोप उनकी मॉं और पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गॉंधी पर लगा है।
रीजनल कंप्रेहेंसिव इकनॉमिक पार्टनरशिप (आरसीईपी) और फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स (एफटीए) पर सोनिया के बयान को केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने मनमोहन सिंह का अपमान बताया है। साथ ही उन्होंने पूछा है कि क्या इसका जवाब पूर्व प्रधानमंत्री देंगे।
बता दें कि सोनिया ने एशिया-प्रशांत के 16 देशों के साथ प्रस्तावित आरसीईपी समझौते का उल्लेख करते हुए कहा था कि सरकार इसके माध्यम से पहले ही बुरी स्थिति का सामना कर रही भारतीय अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान पहुँचाने की तैयारी में है। इस पर पलटवार करते हुए गोयल ने उन्हें याद दिलाया कि मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दौरान ही भारत इस समझौता वार्ता में शामिल हुआ था। उन्होंने कहा कि सोनिया गाँधी ने ये कहकर मनमोहन सिंह का अपमान किया है और उन्हें उम्मीद है कि पूर्व प्रधानमंत्री अपने इस अपमान के खिलाफ बोलेंगे।
Piyush Goyal: Where was Sonia ji when her govt forced India to join RCEP negotiations with China in 2011-12?When FTA with ASEAN was signed in 2010?When FTA with South Korea was signed in 2010?When FTA with Malaysia was signed in 2011? When FTA with Japan was signed in 2011? (2/5) https://t.co/Eh3xezhX5z
— ANI (@ANI) November 2, 2019
गोयल ने कहा, “सोनिया गाँधी आरसीईपी और एफटीए पर अचानक जाग गई हैं। वो तब कहाँ थीं जब आरसीईपी देशों के साथ व्यापार घाटा 2004 में 7 बिलियन से बढ़कर 2014 तक 78 बिलियन डॉलर पहुँच गया था।” केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा है कि उस समय सोनिया गाँधी कहाँ थीं, जब साल 2011-12 में उनकी सरकार ने भारत को चीन के साथ आरसीईपी वार्ताओं के लिए मजबूर किया था? जब साल 2010 में आसियान देशों के साथ एफटीए पर हस्ताक्षर किए थे? जब साल 2010 में दक्षिण कोरिया, साल 2011 में मलेशिया और जापान के साथ एफटीए पर हस्ताक्षर हुए थे, उस समय सोनिया गाँधी कहाँ थीं?
Smt. Sonia Gandhi ji has suddenly woken up to RCEP and FTAs. So where was she
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) November 2, 2019
– When FTA with ASEAN was signed in 2010?
– When FTA with South Korea was signed in 2010?
– When FTA with Malaysia was signed in 2011?
– When FTA with Japan was signed in 2011?
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लगातार एक के बाद एक ट्वीट करते हुए पीयूष गोयल ने यह भी पूछा कि सोनिया गाँधी उस वक्त कहाँ थीं, जब उनकी सरकार ने आसियान देशों के लिए 74 फीसदी बाजार खोल दिया था, लेकिन इंडिनेशिया जैसे देशों ने भारत के लिए सिर्फ 50 फीसदी बाजार खोला था? केंद्रीय मंत्री ने सवाल दागा कि आखिर अमीर देशों को रियायत देने के खिलाफ सोनिया गाँधी ने क्यों नहीं बोला? साल 2007 में जब यूपीए सरकार के दौरान भारत और चीन के बीच एफटीए को लेकर सहमति हुई थी, तो सोनिया गाँधी कहाँ थीं?
Where was Sonia ji when her Govt agreed to explore an India-China FTA in 2007? I hope ex PM Dr Manmohan Singh will speak up against this insult to him
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) November 2, 2019
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उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आरसीईपी को लेकर साफ कर चुके हैं कि इसमें भारत के फायदे का सौदा होगा। गोयल ने कहा कि उनका मानना है कि व्यापार घाटा को कम करना उनकी चिंता है। इससे पहले पीयूष गोयल ने कहा था कि आरसीईपी के खिलाफ एक भय का वातावरण पैदा किया जा रहा है।