केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास व गंगा कायाकल्प मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार (24 मार्च) को कॉन्ग्रेस की पूर्वांचल महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा पर निशाना साधते हुए पूछा कि क्या वे यूपीए के दस साल के शासनकाल के दौरान गंगा का पानी पीतीं ?
Union Minister Nitin Gadkari: If I had not made Allahabad-Varanasi waterway, how could she (Priyanaka Gandhi Vadra) have travelled? She also drank Ganga water, could she have done the same under the UPA govt? By March 2020, river Ganga will be 100% per cent clean. pic.twitter.com/tzDsROWino
— ANI (@ANI) March 25, 2019
यात्रा भी की
नागपुर से आगामी लोकसभा चुनाव के भाजपा प्रत्याशी व पार्टी के पूर्व अध्यक्ष गडकरी ने प्रियंका पर कटाक्ष करते हुए पूछा कि यदि वे गंगा नदी पर वाराणसी-प्रयागराज (इलाहबाद) जलमार्ग का निर्माण न कराते तो भला कॉन्ग्रेस महासचिव की हालिया गंगा-यात्रा कैसे संपन्न हो पाती।
गौरतलब है कि हाल ही में चुनावों की घोषणा के कुछ ही समय पहले प्रियंका गाँधी वाड्रा ने कॉन्ग्रेस संगठन में विधिवत भूमिका संभाली थी। इसके साथ ही उन्हें पार्टी की पूर्वांचल (पूर्वी उत्तर प्रदेश) महासचिव का पदभार उनके भाई व कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने दे दिया था। इसी भूमिका के निर्वहन में प्रियंका कुछ दिन पहले वाराणसी-प्रयागराज जलमार्ग के दौरे पर थीं। इस दौरान उनकी नाव पर बैठे हुए व आचमन करते हुए तस्वीरें सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी रहीं थीं। जहाँ कॉन्ग्रेस ने इसे गाँधी परिवार की पुरानी हिन्दू आस्था का प्रतीक बताया वहीं भाजपा और उसके समर्थकों ने चुनावी स्टंट।
प्रश्न के मायने
माना जा रहा है कि गडकरी के इस प्रश्न के कई मायने हैं। उन्होंने न केवल कॉन्ग्रेस के मोदी सरकार पर विकास न करने, गंगा को साफ न करने आदि के दावे पर सवाल उठा दिया, बल्कि इशारों-इशारों में यह भी पूछ लिया कि क्या वे (प्रियंका) यूपीए सरकार के समय में अपनी हिन्दू आस्था का ऐसा प्रदर्शन करतीं?
गौरतलब है कि भाजपा व उसका वैचारिक पितृ-संगठन आरएसएस हमेशा से कॉन्ग्रेस पर मुस्लिम-तुष्टीकरण व हिन्दू हितों की अनदेखी का आरोप लगाते रहे हैं। कॉन्ग्रेस पर अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण में बाधा बनने और श्रीराम के अस्तित्व को नकार कर भारत-श्रीलंका के बीच के श्रीराम-सेतु को तोड़ने का प्रयास करने जैसे आरोप भी लगते रहे हैं।
2020 तक 100% शुद्धि का दावा
इसके अलावा गडकरी ने एक साल के अन्दर, यानि मार्च 2020 तक, गंगा की 100% शुद्धि में सफलता हासिल कर लेने का भी दावा किया। उनके मुताबिक वे ₹26,000 करोड़ के अविरल गंगा प्रोजेक्ट को लेकर गर्वित अनुभव करते हैं। बकौल गडकरी वे 12,000 करोड़ की लागत से दिल्ली-प्रयागराज को भी जलमार्ग से जोड़ने के लिए एक डीटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) विश्व बैंक को जमा करेंगे।
आपको बता दें कि हल्दिया से प्रयागराज तक फैला 1,620 किमी लम्बा गंगा-भगीरथी-हुगली जलमार्ग, जिसे राष्ट्रीय जलमार्ग 1 नाम दिया गया है, दुनिया का सबसे लम्बा जलमार्ग है।