हाल ही में कोलकाता में आयोजित हुई यूनाईटेड रैली पर तरह-तरह के बयान सामने आए हैं। मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक इस रैली को चुनाव से पहले बहुत बड़ा कदम बताया जा रहा है। तेजस्वी यादव से लेकर शत्रुघ्न सिन्हा और फ़ारुख़ अब्दुल्लाह तक इस रैली का हिस्सा बने।
एक तरफ जहाँ इस रैली को बड़े राजनीतिज्ञों का समर्थन प्राप्त हुआ है, वहीं स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव का इस रैली के बारे में कुछ अलग ही विचार सामने आए हैं।
योगेन्द्र ने शनिवार (जनवरी,19 2019) को आयोजित हुई इस रैली के बारे में कहा कि इस रैली से उन्हें कोई उम्मीद नहीं दिखी है क्योंकि देश सिर्फ विपक्ष नहीं चाहता है, देश को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकल्प की जरूरत है।
https://platform.twitter.com/widgets.jsमोदी विरोध नहीं मोदी विकल्प चाहिए। कलकत्ता में हुई रैली देश के लिए कोई आशा नहीं जगाती। pic.twitter.com/OiAfB7gwQK
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) January 21, 2019
यादव का कहना है कि इस पूरी रैली के दौरान विपक्ष के नेताओं का न कोई एजेंडा था और न ही कोई अपना नज़रिया था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री चाहते हैं कि लोकसभा चुनाव उनके बीच और पूरे विपक्ष के बीच में हो, जिसे करने में वो सफल भी हो रहे हैं।
अपनी बातचीत में यादव ने कहा कि इस समय आगामी चुनावों के लिए सभी विपक्षी पार्टियाँ सिर्फ सत्ता की कुर्सी के लिए ही लड़ रही हैं। ईवीएम को बैलट पेपर का विकल्प बताते हुए योगेन्द्र यादव ने बैलट पेपर वापस लाने की माँग करने वालों को निशाना बनाते हुए कहा कि पार्टियाँ सिर्फ ईवीएम की आलोचना तभी करती हैं जब नतीजे उनके पक्ष में नहीं होते हैं।
बता दें कि कुछ समय पहले बैलट पेपर की वापसी माँग पर चुनाव आयोग के पूर्वाधिकारी ओपी रावत ने भी इस बात को कहा था कि जब जो पार्टियाँ चुनावों को हारती हैं, तभी ईवीएम के मुद्दे को फुटबॉल की तरह उछाला जाता है। वरना इस बारे में कोई बात भी नहीं होती हैं। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार यादव ने इस पूरे गठबंधन को एक बड़ा मज़ाक बताया है।