उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के पगोना गाँव में दो साधुओं की हत्या के बाद मामले में राजनीति तेज हो गई है। पालघर मामले में चुप्पी साधने वाले सभी विपक्षी नेता आगे आकर इस मामले पर निष्पक्ष जाँच की माँग कर रहे हैं। इसी क्रम में कॉन्ग्रेस की महासचिव प्रियंका गाँधी ने भी कल ट्वीट किया था और शिवसेना के संजय राउत ने भी इस घटना पर अपना शोक जताया था।
हालाँकि, अन्य विपक्षियों और इन नेताओं के ट्वीट में अंतर ये था कि वे लोग प्रत्यक्ष रूप से यूपी सरकार पर हमलावर थे। मगर, ये नेता अपने ट्वीट में सामंजस्य बिठाकर अपनी राजनीति कर रहे थे। साथ ही ये भी कह रहे थे कि इस मामले पर ‘भी’ राजनीति नहीं होनी चाहिए। अब इनकी इसी मंशा को भाँपते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ की ओर से उन्हें करारा जवाब मिला। दरअसल, महाराष्ट्र में हुई घटना को लेकर सीएम योगी पर संप्रदाय की राजनीति करने का आरोप लगाने वाली शिवसेना ने जब बुलंदशहर के साधुओं पर आवाज उठाई तो योगी ने उन्हें बोला वे महाराष्ट्र संभाले, यूपी की चिंता न करें।
भयानक! बुलंदशहर, यूपी के एक मंदिर में दो साधुओं की हत्या, लेकिन मैं सभी से अपील करता हूं कि वे इसे सांप्रदायिक न बनाएं, जिस तरह से कुछ लोगों ने पालघर मामले में करने की कोशिश की।
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) April 28, 2020
मंगलवार को संजय राउत ने रात में दो ट्वीट किए। उन्होंने पहले लिखा, “भयानक! बुलंदशहर, यूपी के एक मंदिर में दो साधुओं की हत्या, लेकिन मैं सभी से अपील करता हूँ कि वे इसे सांप्रदायिक न बनाएँ, जिस तरह से कुछ लोगों ने पालघर मामले में करने की कोशिश की।”
बुलंदशहर के मंदिर में दो साधु-संतों की हत्या मामले में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने योगी आदित्यनाथ से फोन पर चर्चा की। उन्होंने साधुओं की हत्या को लेकर चिंता व्यक्त की। ऐसी अमानवीय घटना घटती है तब राजनीति न करके हमें एक साथ काम करते हुए अपराधियों को दंडित करवाना चाहिए :उद्धव ठाकरे
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) April 28, 2020
फिर, उन्होंने सीएम उद्धव ठाकरे को कोट करके लिखा, “बुलंदशहर के मंदिर में दो साधु-संतों की हत्या मामले में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने योगी आदित्यनाथ से फोन पर चर्चा की। उन्होंने साधुओं की हत्या को लेकर चिंता व्यक्त की। ऐसी अमानवीय घटना घटती है तब राजनीति न करके हमें एक साथ काम करते हुए अपराधियों को दंडित करवाना चाहिए।”
इन्हीं दो ट्वीट के बाद, योगी आदित्यनाथ ऑफिस से उन्हें दो टूक जवाब मिला। ट्वीट में लिखा गया कि CM योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में यूपी में काननू का राज है। यहाँ कानून तोड़ने वालों से सख्ती से निपटा जाता है। बुलंदशहर की घटना में त्वरित कार्रवाई हुई और चंद घंटों के भीतर ही आरोपित को गिरफ्तार किया गया। इतना ही नहीं, सीएम योगी के ऑफिस से शिवसेना को ये भी लिखा गया कि वे महाराष्ट्र संभालें, यूपी की चिंता न करें।
श्री @rautsanjay61 जी, संतो की बर्बर हत्या पर चिंता करना राजनीति लगती है?
— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) April 28, 2020
उ.प्र. के मुख्यमंत्री जी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री जी को फोन किया क्योंकि पालघर के साधु निर्मोही अखाड़ा से संबंधित थे।
सोचिये, राजनीति कौन कर रहा है?
फिर, योगी की ओर से मामले में हो रही राजनीति पर जवाब आया। ट्वीट में संजय राउत को टैग करते हुए लिखा, “श्री संजय राउत जी, संतो की बर्बर हत्या पर चिंता करना राजनीति लगती है? यूपी के मुख्यमंत्री जी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री जी को फोन किया क्योंकि पालघर के साधु निर्मोही अखाड़ा से संबंधित थे। सोचिए, राजनीति कौन कर रहा है?”
उल्लेखनीय है कि जब पालघर में दो साधुओं को मारा गया था, उस समय योगी आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र के सीएम से फोन पर बात करके उपयुक्त जाँच की माँग की थी। अब ये सब जानते हैं कि वो स्पष्ट तौर पर लिंचिंग का मामला था। जहाँ करीब 200 लोगों की भीड़ ने संतों को दौड़ा-दौड़ाकर मारा था और वहाँ सामने खड़ी पुलिस मूक थी। बुलंदशहर में साधुओं की हत्या का मामला पूरा उलट है। जहाँ एक नशेड़ी ने अपना गुस्सा उतारने के लिए साधुओं की जान ले ली।
अब हालाँकि ऐसा नहीं कि ये मामला जाँच का विषय नहीं है। मगर जितना स्पष्ट पालघर का मामला था कि वहाँ साधुओं को जानकर निशाना बनाया गया, उससे साफ शायद ही कोई अन्य मामला हो, जिसपर शिवसेना चुप रही। लेकिन बुलंदशहर मामले में यूपी सरकार और प्रशासन अपना काम कर रही है और उन्होंने आरोपित मुरारी उर्फ राजू को गिरफ्तार भी कर लिया है। बाकी पूछताछ जारी है और लोगों का आज भी यही कहना है कि साधु संतों पर हमला संस्कृति पर प्रहार है।