उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हेट स्पीच मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (26 अगस्त 2022) को इस मामले की सुनवाई करते हुए योगी आदित्यनाथ के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मुकदमा चलाने की अनुमति देने से इनकार दिया है।
Supreme Court dismisses plea challenging the decision to deny sanction to prosecute Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath in a matter pertaining to alleged hate speech in 2007. pic.twitter.com/xEc2tFP5Ii
— ANI (@ANI) August 26, 2022
दरअसल, इस मामले में परवेज परवाज नामक व्यक्ति ने आरोप लगाया था कि 27 जनवरी, 2007 को गोरखपुर में ‘हिंदू युवा वाहिनी’ के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने मुस्लिम विरोधी अभद्र टिप्पणी की थी। हालाँकि जाँच हुई तो योगी आदित्यनाथ के खिलाफ केस चलाने के पर्याप्त सबूत नहीं मिले।
इससे पहले, राज्य सरकार ने मई, 2017 में हेट स्पीच मामले में योगी आदित्यनाथ पर मुकदमा दर्ज करने की अनुमति देने से मना कर दिया था। इसके बाद, परवेज ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। मगर, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी फरवरी, 2018 में इस याचिका को खारिज कर दिया था।
इसके बाद, याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने भी हेट स्पीच मामले में योगी आदित्यनाथ पर मुकदमा दर्ज करने की अनुमति देने वाली याचिका को आरोपों और पेश किए गए तथ्यों को कमजोर मानते हुए खारिज कर दिया है।
“In the above circumstances, we do not think it is necessary to go into the legal questions relating to grant of sanction. Consequently, the appeal is dismissed. The question of law is left open”, Justice Ravikumar reads out the operative part of the judgment.#SupremeCourt
— Live Law (@LiveLawIndia) August 26, 2022
इस मामले में फैसला सुनाते हुए भारत के चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच की ओर से कहा गया है, “उपरोक्त परिस्थितियों में, हमें नहीं लगता कि मंजूरी देने से संबंधित कानूनी सवालों में जाना आवश्यक है। नतीजतन, अपील खारिज की जाती है।”
क्या है पूरा मामला
दरअसल, 27 जनवरी 2007 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में साम्प्रदायिक हिंसा भड़की थी। इस हिंसा में 2 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई अन्य घायल हुए थे। इस दंगे के बाद तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ, विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल, गोरखपुर की मेयर अंजू चौधरी पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया गया था।
इस मामले में यह कहा गया था कि इन नेताओं के भड़काऊ भाषण के कारण ही गोरखपुर में दंगा भड़का था। इसके बाद, योगी आदित्यनाथ समेत विधायक व मेयर पर धारा 153, 153ए, 153बी, 295, 295बी, 147, 143, 395, 436, 435, 302, 427, 452 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया था।