Thursday, July 17, 2025
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UP में जमीन से जुड़ा कोई भी लफड़ा-विवाद 90 दिन में सुलटाओ: योगी सरकार का आदेश, जो ऑफिसर करेंगे देरी, उन पर गिरेगी गाज

निर्विवाद वरासत व उत्तराधिकार से जुड़े विवादित जमीन मामलों में 45 दिनों के अंदर समाधान करने को कहा गया। जबकि नामांतरण के विवादित मामलों के समाधान की अधिकतम समय सीमा 90 दिन रखी गई।

देवरिया नरसंहार के बाद भूमि विवाद के मामलों को लेकर योगी सरकार एक्शन मोड में है। यूपी शासन 60 दिनों का विशेष अभियान संचालित करने जा रहा है, जिसमें जमीनी मामलों को लेकर लम्बे समय से लंबित केसों का निस्तारण किया जाएगा।

लंबित जमीनी मामलों के समाधान के इस अभियान में IGRS, समाधान दिवस व जनसुनवाई से जुड़े तमाम प्रार्थना पत्रों की जाँच व उस पर अब तक हुई कार्रवाई की समीक्षा की जाएगी। ऐसे मामलों को निस्तारित करने की अधिकतम समय सीमा 3 माह तय की गई है। यह आदेश गुरुवार (5 सितंबर 2023) को जारी किया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गुरुवार को उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने उत्तर प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों (DM) और पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मीटिंग की। इस मीटिंग में उन्होंने संबंधित जिलों में लंबित जमीनी मामलों को प्राथमिकता पर रखने के निर्देश दिए।

प्रमुख सचिव ने सभी अधिकारियों को जिला स्तर पर 60 दिवसीय अभियान चला कर भूमि संबंधित लंबित तमाम मामलों की समीक्षा करके उनके निबटारे का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि जमीन विवाद के निबटारे में जिस भी स्तर पर देरी होगी, उसके लिए संबंधित अधिकारी को जिम्मेदार मान कर कार्रवाई की जाएगी।

प्रमुख सचिव की मीटिंग में जमीन से जुड़े मामलों को निस्तारित करने की अधिकतम समय सीमा 90 दिन तय हुई। इसमें निर्विवाद वरासत व उत्तराधिकार से जुड़े मामलों में 45 दिनों के अंदर समाधान करने को कहा गया। इसके अलावा नामांतरण के विवादित मामलों के समाधान की अधिकतम समय सीमा 90 दिन रखी गई है।

इन सभी के अतिरिक्त जोत के बँटवारे से जुड़े लंबित केसों को छह महीने के अंदर ही निस्तारित करने के निर्देश दिए गए हैं। इस अवधि में मामलों का निबटारा न कर पाने वाले अधिकारियों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। शासन का स्पष्ट आदेश है कि किसी भी गरीब या व्यापारी आदि की जमीन पर कोई भी अन्य व्यक्ति कब्ज़ा न जमा पाए।

इस मीटिंग में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वो अपने जिले में अभी न्यायालयों व आइजीआरएस प्रकरणों में हुई कार्रवाई की समीक्षा हर दिन खुद ही करें। राजस्व से जुड़े मामलों को हफ्ते में 5 दिनों तक देखने के निर्देश भी संबंधित अधिकारियों को दिए गए हैं।

पुलिस बल को भी पैमाइश में हर प्रकार का सहयोग करने का आदेश दिया गया। सभी कमिश्नरों को अपने क्षेत्र में राजस्व संबंधी मामलों के निस्तारण की मॉनिटरिंग सोमवार और गुरुवार को करने के लिए कहा गया है। खुद मुख्य सचिव हफ्ते में हर मंगलवार को प्रदेश में राजस्व संबंधी वादों के निस्तारण की समीक्षा करेंगे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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