उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन सभी प्राइवेट अस्पतालों को तत्काल खोलने का आदेश दिया है, जो लॉकडाउन के कारण बंद हैं। राज्य सरकार की ओर से सभी जिलों के जिलाधिकारियों को एक आदेश जारी कर कहा गया है कि यदि निजी अस्पताल नहीं खोले गए तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इस संबंध में मुख्य सचिव आरके तिवारी का कहना है कि उन्हें कई जिलों से इस बात की शिकायत मिली है कि उनके यहाँ प्राइवेट हाॅस्पिटल बंद होने से काफी परेशानी हाे रही है। बड़ी संख्या में लोग उपचार के लिए भटक रहे हैं, जबकि लाॅकडाउन के दाैरान अस्पताल बंद करने का काेई आदेश नहीं था। अस्पतालों में चिकित्सा कर्मचारियों और दवाओं की उपलब्धता आवश्यक है और निर्देशों का उल्लंघन करने वाले अस्पताल संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आरके तिवारी ने कहा कि अस्पताल में सोशल डिस्टेसिंग को अपनाकर इलाज किया जा सकता है।
इस संबंध में कई हाॅस्पिटल के मालिकों का कहना है कि लॉकडाउन के चलते स्टाफ नहीं आ पा रहा है। लिहाजा अस्पताल बंद हैं। जबकि अस्पताल अत्यावश्यक सर्विस के तहत आते हैं।
वहीं नोएडा के सेक्टर 135 में स्थित में सीजफायर नाम की से जुड़े 16 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने के बाद इसे सील कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने कंपनी के खिलाफ FIR दर्ज किया है। सीज फायर कंपनी में बीते दिनों लंदन से एक ऑडिटर आया था और कंपनी ने इसकी बात प्रशासन से छुपाई। वह ऑडिटर पास के ही एक फाइव स्टार होटल में भी ठहरा था। कंपनी की लापरवाही से 11 कर्मचारी समेत कुल 16 लोगों में कोरोना का संक्रमण फैला है।
सोमवार को नोएडा पहुँचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लॉकडाउन के बावजूद वहाँ कोरोना फैलने की वजहों की पड़ताल की तो अधिकारियों के जवाब पर उनका गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने जिलाधिकारी बीएन सिंह से जवाब माँगा तो संतोषजनक जवाब न मिलने पर उन्होंने बैठक में मौजूद अफसरों पर नाराजगी जताई। इस बीच सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए नोएडा के डीएम को हटा दिया है और उनकी जगह सुहास एल वाई को गौतम बुद्ध नगर का नया डीएम बनाया गया है।