गुजरात के गोधरा (Godhra, Gujarat) में अयोध्या से लौट रहे कारसेवकों से भरी साबरमती एक्सप्रेस (Sabarmati Express) की एक बोगी में आग लगाकर 59 लोगों को जिंदा जलाकर मारने के मुख्य आरोपित रफीक हुसैन भटुक को उम्रकैद की सजा मिली है। साल 2002 में घटना को अंजाम देने के बाद रफीक गायब हो गया था, पिछले साल गुजरात पुलिस ने 19 साल बाद उसे गिरफ्तार किया था।
गोधरा के सत्र न्यायालय ने रफीक हुसैन को हत्या की साजिश रचने, हत्या करने और दंगा भड़काने के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले में विशेष लोक अभियोजक आरसी कोडेकर ने न्यायालय के फैसले की पुष्टि की है।
Criminal Rafiq Hussain Bhatuk, accused in Godhra train coach fire, who was absconding from 19 yrs & was arrested last yr by Godhra police has been given the punishement of life imprisonment under conspiracy to murder by Godhra sessions court:RC Kodekar, Special Public Prosecutor pic.twitter.com/dwqSFzFPFn
— ANI (@ANI) July 2, 2022
51 साल का रफीक हुसै भटुक 2002 में घटना को अंजाम देने के बाद फरार हो गया था और उसे गुजरात पुलिस ने फरवरी 2021 में गोधरा शहर से गिरफ्तार किया था। गुप्त सूचना के आधार पर गोधरा पुलिस ने 14 फरवरी 2021 रात को रेलवे स्टेशन के समीप स्थित सिग्नल फलिया के एक घर में छापेमारी की और भटुक को वहाँ से गिरफ्तार किया।
पंचमहल जिले की पुलिस अधीक्षक लीना पाटिल ने कहा गिरफ्तारी के समय कहा था कि रफीक हुसैन भटुक गोधरा कांड के आरोपियों के उस मुख्य समूह का हिस्सा था, जो पूरी साजिश में लिप्त था। उन्होंने बताया कि रफीक हुसैन भटुक पिछले 19 सालों से फरार चल रहा था।
पाटिल ने बताया, “भटुक आरोपितों के उस मुख्य समूह का हिस्सा था, जिन्होंने गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन कोच को जलाने की पूरी साजिश रची थी, जिसके लिए उसने भीड़ को उकसाया और ट्रेन के कोच को जलाने के लिए पेट्रोल का इंतजाम किया था। जाँच के दौरान नाम सामने आने के तुरंत बाद वह दिल्ली भाग गया था।”
गौरतलब है कि 27 फरवरी 2002 को हुए गोधरा कांड में 59 कारसेवक मारे गए थे, जिसके बाद गुजरात में बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे। भटुक ने ही इस पूरी घटना की साजिश रची थी, जिसके चलते जिंदा कारसेवकों को आग में झोंक दिया गया था। आज भी इस घटना को याद कर लोगों के रूह कांप जाते है।