अगस्ता वेस्टलैंड मामले और एयर इंडिया घोटाले में दुबई से प्रत्यर्पण कर लाए गए दीपक तलवार और राजीव सक्सेना को कस्टडी में भेज दिया गया है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने इन दोनों को ईडी (ED) को 4 दिनों की कस्टडी सौंपी है।
दीपक तलवार और उसका धंधा
दीपक तलवार उन आरोपितों में से एक है, जिसने तत्कालीन नागरिक उड्डयन मंत्री की सहायता से प्राइवेट एयरलाइंस को मदद उपलब्ध कराई थी। यह मदद एयर इंडिया के लाभ वाले रूटों को बंद करवा के की गई थी। ऐसा करने से इन रूटों पर निजी एयरलाइंस के विमान को सीधा-सीधा लाभ पहुँचा था।
दीपक तलवार ने कैसे और किन-किन निजी एयरलाइंस को फ़ायदा पहुँचाया था, इस तथ्य की पुष्टि उन निजी एयरलाइंस द्वारा किए गए भुगतान से होता है। क़तर, इमिरेट्स और एयर अरबिया इस हवाला के माध्यम से फायदा लेने वालों में से थे। इसके एवज़ में एक विदेशी बैंक एकाउंट (बैंक ऑफ़ सिंगापुर) में ₹212 करोड़ की घूस (किक बैक्स) ट्रांसफर की गई थी। यह अकाउंट जिस कंपनी के नाम पर था, उसका मालिक दीपक तलवार ही था। इस ₹212 करोड़ के अलावा ऊपर जो स्क्रीनशॉट दिया गया है, उससे भी दीपक तलवार ने ₹88 करोड़ की कमाई की।
राजीव सक्सेना: बड़ी मछली, बड़ा पैसा
राजीव सक्सेना वो शख़्स है, जो स्विट्ज़रलैंड में अलग-अलग बैंक एकाउंट्स को चलाता है। इन बैंक अकाउंट्स में अगस्ता वेस्टलैंड से आई किक बैक्स की रकम डाली गई थी। 8 सितंबर 2017 (या यह 9 अगस्त 2017 भी हो सकता है) तक राजीव सक्सेना के इन बैंक अकाउंट्स में कुल ₹314 करोड़ की राशि जमा की गई थी। इस पर अभी जाँच जारी है कि आख़िर यह किक बैक्स किसके फायदे के लिए की गई थी और किसके इशारे पर इन बैंक एकाउंट्स को रखा गया था।
आपको बता दें कि भारत ने अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले पर कार्रवाई तेज़ करते हुए क्रिस्चियन मिशेल के बाद दो अन्य दलालों को दुबई से प्रत्यर्पित करने में सफलता पाई है। घोटाले के सह-अभियुक्त राजीव सक्सेना को बुधवार (जनवरी 30, 2019) सुबह 9:30 बजे उनके आवास से UAE की सुरक्षा एजेंसी द्वारा उठा लिया गया और शाम 5:30 को भारत के लिए प्रत्यर्पित किया गया। वहीं एक अन्य सफल कार्रवाई में दीपक तलवार को भी भारत लाया गया है, जिसे दुबई के अधिकारियों ने पकड़ा था।