लोकसभा चुनावों के आते-आते राजनैतिक पार्टियों में उठा-पठक चालू हो रखी है। कहीं एक पार्टी के साथ दूसरी पार्टी की जुड़ने की खबरें आ रही हैं, तो कहीं पर विधायकों के पार्टी के छोड़ने की।
आने वाले लोकसभा के चुनावों से पहले अरविंद केजरीवाल की पार्टी को एक नया झटका लगा है। पंजाब में ‘आप’ पार्टी के विधायक बलदेव सिंह ने बुधवार यानि आज (जनवरी 16, 2019) पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया है। बता दें कि आप पार्टी के बलदेव सिंह पंजाब में ‘जैतो’ से विधायक थे।
पार्टी को छोड़ने से पहले बलदेव सिंह ने अरविंद केजरीवाल को भेजे ई-मेल में लिखा है कि वो बेहद दुखी मन के साथ आम आदमी पार्टी की सदस्यता से इस्तीफ़ा दे रहे हैं। उन्होंने अपने पत्र में शिकायत भी की, कि आम आदमी पार्टी अपनी तय हुई विचारधारा से बिलकुल भटक चुकी है।
उन्होंने कहा कि वो अन्ना हजारे द्वारा शुरू किए गए आंदोलन से काफ़ी प्रेरित होकर ही ‘आप’ के साथ जुड़ने का फैसला किया था, जिसके लिए उन्होनें बतौर प्रधान शिक्षक अपनी सरकारी नौकरी छोड़ने का फैसला लिया था। इसका पीछे उनका उद्देश्य देश की (खासकर पंजाब की) सामाजिक-राजनीतिक स्थिति को सुधारने का था। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने ये फ़ैसला लिया था तब उनके पूरे परिवार में खलबली सी मच गई थी। लेकिन, फिर भी उन्होंने ‘आप’ के बुलंद इरादों और वायदों पर ये जोखिम लेना जरूरी समझा।
बलदेव सिंह के अलावा पंजाब के ही एक और विधायक सुख़पाल खैरा ने आम आदमी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया था। इन्होंने भी अपने इस्तीफ़े में केजरीवाल की पार्टी पर कई आरोप लगाए थे, कि पार्टी अपने निर्धारित किए हुए सिद्धांतों और विचारधारा से भटक चुकी है। जिस समय खैरा ने इस्तीफ़ा दिया उस समय वो पार्टी से निलंबित चल रहे थे, क्योंकि उन्होंने पार्टी के ख़िलाफ़ बगावत शुरू कर दी थी। जिसके कारण ही उनका पार्टी से निलंबन किया गया था। अब खबरें हैं कि अब बलदेव, सुखपाल खैरा की ‘पंजाबी एकता पार्टी’ से जुड़ सकते हैं।
इन दो विधायकों के अलावा हरविंदर सिंह फुलका जो पंजाब आदमी पार्टी के नेता और सिख़ विरोधी दंगे के वकील हैं, वो भी पार्टी को लेकर अपनी शिकायतों की वजह से सदस्यता छोड़ चुके हैं।