चर्च भले ही खुद को परमपिता परमेश्वर के दूत का घर और पवित्र संस्थान बताता हो लेकिन उसके दामन पर लगने वाले दागों की संख्या दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है। हाल ही में एक बड़ा मामला सामने आया है जिसमें वैटिकन के पूर्व कोषाध्यक्ष और पोप फ्रांसिस के सलाहकार रह चुके कार्डिनल जॉर्ज पेल को बाल यौन अपराध का दोषी करार दिया गया है और 6 वर्ष जेल की सज़ा सुनाई गई है।
मेलबर्न (ऑस्ट्रेलिया) के कार्डिनल जॉर्ज पेल पर आरोप था कि उसने चर्च के दो ‘कॉयर बॉयज़’ (प्रार्थना गीत गाने वाले लड़के) का नब्बे के दशक में यौन शोषण किया था। अदालत ने इन आरोपों को सही पाया और जॉर्ज को 6 साल जेल की सज़ा सुनाई है। हालाँकि यह सज़ा बहुत कम है फिर भी महत्वपूर्ण यह है कि विश्वभर भर में ऐसे मामलों में अब तक सज़ा पाए ईसाई कैथोलिक पादरियों में जॉर्ज पेल का ओहदा सबसे ऊँचा है क्योंकि वह सीधा वैटिकन से जुड़ा हुआ था।
विक्टोरिया काउंटी के चीफ जज पीटर किड ने सज़ा सुनाते हुए कहा कि वो चाहते हैं कि पेल अब जीवन में कभी भी जेल से न निकल पाए और यह सज़ा बाकियों के लिए एक सबक होगी। 77 वर्षीय पेल ने दो कॉयर बॉयज़ का यौन शोषण कैथेड्रल में ही 1996 में ‘संडे मास’ के एकत्रीकरण के बाद किया था। जज ने सज़ा सुनाते हुए इस बात को रेखांकित किया कि यौन शोषण के बाद लड़कों की मानसिकता पर ऐसा दुष्प्रभाव पड़ा जो वे जीवनभर नहीं भूल पाए। एक लड़के को तो इसके कारण हेरोइन की लत गई थी जिसके कारण उसकी मौत हो गई थी।