बांग्लादेश (Bangladesh) की एक मुस्लिम महिला बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) के पास पहुँची और सनातन धर्म स्वीकार करने के लिए बोली। उसने बताया कि भगवान राम का नाम लेने से उसे बहुत सुकून मिलता है। उसने यह भी बताया कि यूट्यूब पर वह हिंदू धर्म के भजन-कीर्तन और कथा आदि देखती-सुनती रहती है।
दरअसल, मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के परसवाड़ा में धीरेंद्र शास्त्री की वनवासी रामकथा का आयोजन किया जा रहा था। बुधवार (24 मई 2023) को वनवासी रामकथा का अंतिम दिन था। उसी दिन पड़ोसी बंगलादेश की रहने वाली एक मुस्लिम महिला अपनी अर्जी लेकर पहुँची थी। अपनी अर्जी में वह सनातन धर्म में आने की बात कही।
मुस्लिम युवती को धीरेंद्र शास्त्री ने मंच पर बुलाया। मंच पर उसने धीरेंद्र शास्त्री से कहा कि वह उन्हें फॉलो करती है और यूट्यूब पर उनके कार्यक्रम को अक्सर देखती है। उसने कहा कि उसे राम नाम का जाप करने से सुकून मिलता है और अब वह सनातन धर्म अपनाना चाहती है। उसने कहा कि सनातन धर्म से बड़ा कोई धर्म नहीं है।
उन्होंने युवती से पूछा, “किसी के दबाव में आकर तो ये कार्य नहीं कर रही हो, इस पर युवती ने कहा कि वह अपनी मर्जी से वीजा लेकर भारत आई है। उस पर किसी का दबाव नहीं है।” इसके बाद धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, “आप अपने मजहब में रहकर भी सनातन धर्म को स्वीकार कर सकते हैं।”
इस धीरेंद्र शास्त्री ने मुस्लिम युवती से कहा, “अभी आप जिस धर्म में हैं, वहीं रहे। हम पर उपद्रव करवाने के आरोप लगते रहते हैं, लेकिन हम किसी मजहब के खिलाफ नहीं हैं। ना ही धर्मांतरण में विश्वास करते हैं और ना ही इसमें हमारी कोई भूमिका नहीं है। बस राम नाम में हमारी भूमिका है, लेकिन हमें घर वापसी पर भरोसा है।”
धीरेंद्र शास्त्री ने वनवासी रामकथा के बाद युवती से मिलने और फिर आयुष मंत्री राम किशोर कावरे से मिलवाने की बात कही, ताकि वह सनातन धर्म स्वीकार कर सके। युवती ने धीरेंद्र शास्त्री से कहा कि उसके सनातन धर्म स्वीकारने से उसके परिवार को परेशानी उठानी पड़ सकती है, फिर वह यह कदम उठा रही है।
इसके पहले पटना में धीरेंद्र शास्त्री का जब हनुमंत कथा का आयोजन किया गया था तो पश्चिम बंगाल से एक मुस्लिम युवती वहाँ उनसे मिलने पहुँची थी। मुस्लिम महिला ने बताया था, “मैं कष्ट में हूँ और बाबा को मोबाइल में मैंने देखा है। बाबा सभी के कष्टों को दूर करते हैं। इसलिए मैं बाबा के पास आई हूँ। हमारे धर्म में जितने भी इस टाइप के लोग हैं, सभी ठग हैं। ये लोग बस ठगने का काम करते हैं और गलत काम करते हैं।”
इस इलाके में रामकथा के बारे में बागेश्वर धाम के ट्विटर हैंडल से कहा गया है, “यह वो इलाका है, जिसे धर्मान्तरण कराने वाली मिशनरियों और सनातन विरोधी अन्य संस्थाओं ने अपना चरागाह बनाकर रखा है। सरकार (धीरेंद्र शास्त्री) ने यहाँ खुद व्यवस्था करवाई, आदिवासियों को मंच पर बुलाकर उनसे आरती कराई, अनेक लोगों की सनातन में धर्म वापसी कराई…. और भगवत् नाम सिमरन करवाया।”
इस तस्वीर को गौर से देखिये
— Bageshwar Dham Sarkar (Official) (@bageshwardham) May 25, 2023
यह फोटो बालाघाट की है जब पूज्य सरकार बालाघाट जिले के आदिवासी वनवासी इलाके परसवाड़ा में वनवासी श्रीराम कथा करने आए थे…
यह वो इलाका है जिसे धर्मान्तरण कराने वाली मिशनरियों और सनातन विरोधी अन्य संस्थाओं ने अपना चरागाह बनाकर रखा है सरकार ने यहां खुद… pic.twitter.com/itCaqEMQiK
बताते चलें कि धीरेंद्र शास्त्री ने 24 मई 2023 की रात को दिव्य दरबार लगा। इसके साथ ही प्रेत दरबार का भी आयोजन किया था। इसमें शामिल होने के लिए लोग दूरदराज के इलाकों से आए थे। कई लोग अपनी कथित प्रेत बाधा से मुक्ति पाने के लिए भी आए थे। इस दौरान रामकथा का भी आयोजन किया जाता था।
अब वे गुजरात प्रवास पर जा रहे हैं। वहाँ वे 5-6 जून तक रहेंगे और रामकथा का वाचन करेंगे। बता दें कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को केंद्र की मोदी सरकार ने Y श्रेणी की सुरक्षा दी। उनकी सुरक्षा घेरे में एक या दो कमांडो समेत आठ पुलिस के जवान होंगे। इन जवानों के अलावा उन्हें सब-इंस्पेक्टर रैंक के दो पीएसओ भी दिए जाएँगे।