महाराष्ट्र के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा है कि भाजपा और शिवसेना का रिश्ता पानी की तरह है। उन्होंने पानी का उदाहरण देते हुए पूछा कि कितनी भी कोशिश कर ले, कोई इसे अलग कर सकता है क्या? महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष रह चुके मुनगंटीवार ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद बताया कि किसानों के मुद्दे पर बुलाई गई ये बैठक सफल रही। साथ ही उन्होंने कहा कि इन्तजार कीजिए क्योंकि कभी भी शुभ समाचार मिल सकता है। इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा और शिवसेना मिल कर सरकार बनाने की ओर बढ़ रही है।
कैबिनेट की बैठक में शिवसेना के 6 मंत्री भी शामिल हुए। मंत्री रामदास कदम ने कहा कि चूँकि मुद्दा किसानों को लेकर था, इसीलिए वो लोग शामिल हुए। शिवसेना नेता ने कहा कि कल को कोई ये नहीं कह सकता कि कृषि से जुड़े मसलों पर बुलाई गई बैठक में शिवसेना ने भाग नहीं लिया। 1 दिन पहले भी मुनगंटीवार ने कहा था कि सरकार भाजपा की ही होगी और इसमें कोई ‘अगर-मगर’ की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी शिवसेना का इन्तजार करेगी।
Sudhir Mungantiwar, BJP: You cannot separate water, no matter how much you try to. Shiv Sena and BJP are together. We had a good meeting over the farmer’s issue today. We should wait for the news, the good news can come anytime. #Mumbai pic.twitter.com/gXfHZiPIyz
— ANI (@ANI) November 6, 2019
इससे पहले शरद पवार के बयान से शिवसेना को झटका लगा था। पवार ने साफ़ कर दिया था कि भाजपा और शिवसेना को ही जनादेश मिला है और उन्हें ही सरकार बनाना है। साथ ही एनसीपी सुप्रीमो ने विपक्ष में बैठने की घोषणा कर दी। पवार ने जब ये बयान दिया, उससे कुछ देर पहले ही शिवसेना नेता संजय राउत ने उनसे मुलाक़ात की थी। राउत ने कहा था कि बैठक के दौरान राज्य के राजनीतिक परिदृश्य को लेकर चर्चा हुई और वरिष्ठ नेता पवार इसे लेकर चिंतित हैं।
भाजपा के मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने भी कहा कि भाजपा और शिवसेना को ही सरकार बनाने का जनादेश मिला है और दोनों पार्टियाँ मिल कर सरकार बनाएँगी। उन्होंने कहा कि भाजपा के दरवाजे शिवसेना के लिए हमेशा के लिए खुले हैं। इसी बीच मंगलवार (नवंबर 5, 2019) की रात मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सरसंघचालक मोहन भागवत से भी मुलाक़ात की। उधर कॉन्ग्रेस नेता अहमद पटेल ने भी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाक़ात की। हालाँकि, उन्होंने कहा कि ये राजनीतिक मुलाक़ात नहीं थी।