Friday, November 15, 2024
Homeदेश-समाजबजट 2019: श्रमिकों के लिए ₹6 लाख का बीमा, ग्रेच्युटी अब ₹20 लाख -...

बजट 2019: श्रमिकों के लिए ₹6 लाख का बीमा, ग्रेच्युटी अब ₹20 लाख – कम आमदनी वालों को गारंटीड पेंशन

श्रमिकों के अलावा घुमंतू समुदाय के लिए भी सरकार ने ध्यान दिया है। घुमंतू समुदाय के कल्याण के लिए भी सरकार काम करेगी। इनके लिए नीति आयोग पहचान का काम करेगी।

कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने 1 फरवरी 2019 को जो बजट पेश किया, उसमें श्रमिकों का खास ध्यान रखा गया है। पढ़ें मूल बातें:

  • PM श्रमयोगी मानधन योजना की घोषणा: 15,000 रुपए तक कमाने वाले 10 करोड़ श्रमिकों को मिलेगा योजना का लाभ
  • जिनका ईपीएफ कटता है उनको 6,00,000 रुपए का बीमा। श्रमिक की मौत होने पर छह लाख रुपए का मुआवज़ा
  • मज़दूरों का बोनस 7,000 रुपए किया गया। 21,000 रुपये तक वेतन पाने वालों को मिलेगा बोनस
  • ग्रेच्युटी सीमा को 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 20 लाख रुपए किया गया
  • कम आमदनी वाले श्रमिकों को गारंटीड पेंशन देगी सरकार। 100 रुपए प्रति महीने के अंशदान पर 60 साल की आयु के बाद 3000 रुपए प्रति माह की मिलेगी पेंशन
  • आपदा प्रभावित लोगों को ब्याज में पाँच प्रतिशत की छूट

कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, ‘‘घरेलू कामगारों को भी सामाजिक सुरक्षा देने की जरूरत है। आयुष्मान भारत और जीवन ज्योति बीमा और सुरक्षा योजना के अलावा हम प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन पेंशन योजना ला रहे हैं। उन्हें 60 वर्ष की उम्र पूरी करने के बाद तीन हजार रुपए प्रति महीने की पेंशन मिलेगी।’’

पीयूष गोयल ने कहा, ‘‘सरकार श्रमिक के पेंशन अकाउंट में बराबर का योगदान देगी। असंगठित क्षेत्रों के लोगों को इस योजना का लाभ मिलेगा। इस स्कीम के लिए 500 करोड़ रुपए देंगे। इससे ज्यादा का प्रावधान भी दिया जाएगा।’’

पीयूष गोयल ने कहा कि सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट आने के बाद उसकी सिफारिशों को जल्द से जल्द लागू किया गया। साथ ही नई पेंशन स्कीम में सरकार के योगदान को 4 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दिया है।

श्रमिकों के अलावा घुमंतू समुदाय के लिए भी सरकार ने ध्यान दिया है। घुमंतू समुदाय के कल्याण के लिए भी सरकार काम करेगी। इनके लिए नीति आयोग पहचान का काम करेगी। इनके लिए कल्याण बोर्ड बनाया जाएगा और उनके पास सरकार की योजनाओं को पहुंचाने का काम किया जाएगा।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिनके पति का हुआ निधन, उनको कहा – मुस्लिम से निकाह करो, धर्मांतरण के लिए प्रोफेसर ने ही दी रेप की धमकी: जामिया में...

'कॉल फॉर जस्टिस' की रिपोर्ट में भेदभाव से जुड़े इन 27 मामलों में कई घटनाएँ गैर मुस्लिमों के धर्मांतरण या धर्मांतरण के लिए डाले गए दबाव से ही जुड़े हैं।

‘गालीबाज’ देवदत्त पटनायक का संस्कृति मंत्रालय वाला सेमिनार कैंसिल: पहले बनाया गया था मेहमान, विरोध के बाद पलटा फैसला

साहित्य अकादमी ने देवदत्त पटनायक को भारतीय पुराणों पर सेमिनार के उद्घाटन भाषण के लिए आमंत्रित किया था, जिसका महिलाओं को गालियाँ देने का लंबा अतीत रहा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -