कनाडा का सरकारी टीवी चैनल कैनेडियन ब्रॉडकास्टिंग कारपोरेशन (CBC) हमास के हमलावरों को आतंकी नहीं कहेगा। वह इजरायल द्वारा वर्ष 2005 में गाजा की जमीन पर से कब्ज़ा हटाने के निर्णय को भी जनता नहीं बताएगा। यह दिशानिर्देश CBC के पत्रकारों को लिखित रूप से दिए गए हैं।
सोशल मीडिया पर किए गए एक दावे के अनुसार, CBC के पत्रकारों को एक मेल के माध्यम से दिशानिर्देश दिया गया है कि किसी भी स्थिति में हमास के आतंकियों को वह आतंकी ना कहें। भले ही वह किसी सरकारी बयान का हवाला दे रहे हों तो लोगों को बाद में यह स्पष्ट करें कि वह आतंकी नहीं हैं।
This media email is doing the rounds. CBC staff are instructed not to call Hamas “terrorists”… and not to mention that Israel ended the “occupation” of Gaza in 2005 by withdrawing unilaterally. It argues that because Israel continues to control the border, that still counts as… pic.twitter.com/fnyQTxJWlU
— Jake Wallis Simons (@JakeWSimons) October 8, 2023
इसमें यहाँ तक लिखा ही कि कनाडा की सरकार भी यदि हमास के आतंकियों को आतंकी कहे तो भी उसे ना माने। इसके अतिरिक्त, वर्ष 2005 में गाजा से इजरायली नागरिकों तथा सुरक्षा बालों बलों को हटाने जाने वाले कदम को भी CBC नहीं बताएगा। उसका मानना है कि इजरायल ने अब भी फिलीस्तीनी भूमि पर अधिकार कर रखा है।
हमास के आतंकियों ने 7 अक्टूबर, 2023 के दिन इजरायल के दक्षिणी हिस्से में हमला बोल कर लगभग 400 लोगों को मार दिया है। हमास के आतंकियों और इजरायली सुरक्षा बलों के बीच अब भी लड़ाई जारी है। इजरायल ने गाजा पट्टी में हवाई हमले किए हैं। इजरायल ने अपने नागरिकों को सीमावर्ती इलाकों से निकालना चालू कर दिया है और आगे 24 घंटों में यह कार्रवाई पूरी कर ली जाएगी।
ऐसा पहली बार नहीं है जब CBC समेत पश्चिमी मीडिया आतंकियों को आतंकी कहने से झिझक रहा हो। इससे पहले भारत और कनाडा के बीच विवाद की जड़ बने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर को भी कनाडाई मीडिया में एक्टिविस्ट और सिख नेता बताया था।
हरदीप सिंह निज्जर एक खालिस्तानी आतंकी था जिसकी 18 जून 2023 को कनाडा के सरे में हत्या हो गई थी। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस हत्या के आरोप भारत पर लगाए थे। भारत ने इन आरोपों को ख़ारिज करते हुए कनाडा के नागरिकों को वीजा बंद कर दिए थे और उसे आतंकियों का शरणदाता बताया था। CBC सहित पश्चिमी मीडिया में निज्जर को कहीं पर प्लम्बर, कार्यकर्ता, सिख नेता, अलगाववादी नेता और अन्य नाम दिए गए थे। स्पष्ट रूप से उसको आतंकवादी नहीं कहा गया। यह तब है जब निज्जर के विरुद्ध दो बार इंटरपोल का नोटिस जारी हो चुका था और वह भारत में आतंकी गतिविधियों के संचालन के लिए वांछित था।