गणतंत्र दिवस के मौके पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री द्वारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा के अपमान की बात सामने आ रही है। छत्तीसगढ़ के स्थानीय चैनल आईबीसी 24 ने अपने रिपोर्ट में इस बात को ज़ाहिर किया है। दरअसल गणतंत्र दिवस के मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने तिरंगा झंडा की जगह पर कॉन्ग्रेस पार्टी के पुराने झंडे को फ़हरा दिया। राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गणतंत्र दिवस के मौके पर प्रदेश कॉन्ग्रेस कार्यालय रायपुर में झंडोत्तोलन के लिए पहुँचे थे।
झंडोत्तोलन के दौरान उन्होंने तिरंगा की जगह पर 1947 से पहले के कॉन्ग्रेस पार्टी के झंडे को फहरा दिया। वीडियो में यह देखा जा सकता है कि मुख्यमंत्री ने जिस झंडा को कॉन्ग्रेस कार्यालय रायपुर में फहराया है, उसे 1931 में कॉन्ग्रेस ने अपने पार्टी का झंडा घोषित किया था। जानकारी के लिए बता दें कि इस झंडे को पिंगली वेंकैया ने कराँची में डिजाइन किया था। इस झंडे में भगवा, सफेद व हरे रंग की तीन क्षैतीज पट्टी थी। इन तीनों ही पट्टी के बीच में चरखा बना हुआ था। इस झंडे को वीडियो में देख सकते हैं।
देश के एक संवैधानिक पद पर बैठे होने के नाते भूपेश बघेल से इस तरह के गलती की उम्मीद नहीं की जा सकती है। यह देश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान है।
पिछले कई सालों से रायपुर के पुलिस परेड मैदान में गणतंत्र दिवस कार्यक्रम मनाया जाता था। लेकिन उस मैदान की जगह पर बतौर मुख्यमंत्री बघेल ने कॉन्ग्रेस कार्यालय में गणतंत्र दिवस मनाने का फ़ैसला किया। ऐसा पहली बार हुआ कि राज्य के किसी मुख्यमंत्री ने पार्टी कार्यालय में गणतंत्र दिवस के सरकारी कार्यक्रम को आयोजित किया है।