केरल के मन्नार में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विधायक एस राजेंद्रन ने महिला आईएएस अधिकारी रेणु राज पर अभद्र टिप्पणी की। विधायक ने सार्वजनिक तौर रेणु के अधिकारियों के सामने ‘बिना बुद्धि के, बिना कॉमन सेंस के’ जैसी बातें उनके लिए कहीं। दरअसल विधायक एस राजेंद्रन ने यह अभद्र टिप्पणी उस समय की, जब महिला अधिकारी एक व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स में अनधिकृत निर्माण रोकने का प्रयास कर रही थीं।
कुछ टेलीविजन चैनलों ने इस घटना से संबंधित वीडियो फुटेज भी दिखाई है। इस वीडियो में भी विधायक द्वारा की गई टिप्पणी कैद है। विधायक ने कहा, “उन्होंने (महिला आईएएस) सिर्फ़ कलेक्टर बनने के लिए पढ़ाई की है। इन लोगों के पास काफी कम दिमाग होता है। क्या उन्हें स्केच और प्लान की जानकारी नहीं हासिल करनी चाहिए थी।” विधायक ने वहाँ मौजूद लोगों से कहा कि एक कलेक्टर पंचायत के निर्माण में दखल नहीं दे सकती। यह एक लोकतांत्रिक देश है।
बता दें कि 30 वर्षीया आईएएस अधिकारी रेणु राज, इदुक्की के देविकुलम की पहली महिला उप-कलेक्टर हैं। इदुक्की एक ऐसी जगह है, जो पर्यटकों के बीच काफ़ी लोकप्रिय है, लेकिन यह जगह अवैध निर्माणों और भूमि अतिक्रमणों के लिए बदनाम भी है।
केरल उच्च न्यायालय के 2010 के आदेश के अनुसार, पारिस्थितिक चिंताओं के कारण, मुन्नार के सात गाँवों में किसी भी निर्माण कार्य को राजस्व अधिकारियों से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की आवश्यकता होती है। जानकारी के अनुसार, सब-कलेक्टर द्वारा इसी संबंध में “स्टॉप मेमो” जारी किया गया था, क्योंकि उन्हें एनओसी प्राप्त नहीं हुई थी।
युवा महिला IAS अधिकारी ने मीडिया को बताया, “उच्च न्यायालय ने मुझे इस विशेष निर्माण के संबंध में एक रिपोर्ट दर्ज करने का निर्देश भेजा था, जो अदालत की अवमानना है। मैंने अदालत के आदेश के उल्लंघन पर मुख्य सचिव और राजस्व सचिव को रिपोर्ट दायर की। मुझे अपना कर्तव्य निभाने के लिए विरोध का सामना करना पड़ा।”
उन्होंने कहा, “विधायक ने मेरे अधिकारियों के सामने जैसा व्यवहार किया, बावजूद इसके मुझे मीडिया, नेताओं से और मेरे वरिष्ठजनों से ज़बरदस्त समर्थन मिला है। मुझे विश्वास है कि मैंने सही काम किया। मैं अपने पद के अनुसार अपने कर्तव्य को निभाना जारी रखूँगी, बिना इस बात को तवज्जो दिए कि आगे क्या होगा।”
इसी बीच इदुक्की ज़िले की सीपीएम इकाई ने कहा है कि वो विधायक से इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगेगी।