तृणमूल कॉन्ग्रेस सांसद नुसरत जहां रूही के हिंदू से विवाह करने पर देवबंद को ऐतराज है। यह कहते हुए कि मुस्लिम लड़कियों को केवल मुस्लिम लड़कों से ही शादी करनी चाहिए, देवबंद के मौलवियों ने नवनिर्वाचित सांसद नुसरत जहां के ख़िलाफ़ फ़तवा जारी कर दिया है।
मौलवी मुफ़्ती असद कासमी ने कहा, “जाँच के बाद, हमें पता चला कि उसने जैन धर्म में शादी की है, इस्लाम कहता है कि एक मुस्लिम केवल एक मुस्लिम से शादी कर सकता है। दूसरा, मैं यह कहना चाहता हूँ कि नुसरत जहां एक एक्टर हैं और ये सभी एक्टर धर्म की परवाह नहीं करते। वे वही करते हैं जो उन्हें करने का मन करता है। जैसा कि उन्होंने संसद में दिखा दिया।”
कासमी ने आगे कहा, “वो सिंदूर और मंगलसूत्र के साथ संसद में आईं, इसलिए इस बारे में बात करना समय की बर्बादी है। हम उनके जीवन में हस्तक्षेप नहीं कर सकते। मैंने बस मीडिया की मदद से उन्हें बताया कि शरीयत क्या कहती है।”
देवबंद के इस फ़तवे के ख़िलाफ़ बीजेपी नेता साध्वी प्राची नुसरत के बचाव में आई हैं। उन्होंने मौलवी से कहा:
”अगर कोई मुस्लिम महिला हिंदू से शादी करती है और बिंदी, बिछिया, मंगलसूत्र पहनती है, तो मुस्लिम मौलवी उसे हराम कहते हैं। मुझे उनकी बुद्धि पर तरस आता है, लेकिन कई मुस्लिम पुरुष हमारी हिंदू बेटियों को लव जिहाद के नाम पर फँसाते हैं और उनसे बुर्का पहनने को कहते हैं, तो यह हराम नहीं है। यह उनके लिए उचित है।”
बीजेपी नेता की टिप्पणी पर मुस्लिम मौलवियों ने उन्हें बेलगाम करार दिया। उन्होंने कहा कि ऐसी महिलाएँ नियंत्रण (बेलागम) में नहीं रहतीं, वे देश में आग लगाने की कोशिश करती हैं। वे इस तरह के बयान से सिर्फ़ ज़हर उगलती हैं। वे इस राष्ट्र को विभाजित करना चाहती हैं। ऐसी महिलाओं को किसी भी धर्म का ज्ञान नहीं होता। साध्वी प्राची को सख़्त हिदायत देते हुए मौलवी ने कहा कि इस्लाम एक ऐसा धर्म है जो प्रेम और शांति का संदेश देता है। जो कुछ नहीं जानता, उसे पहले उलेमा को पढ़ना चाहिए और फिर उसके बारे में बोलना चाहिए।
सांसद नुसरत जहां 25 जून को पहली बार संसद पहुँची थीं। उस दौरान उन्होंने सफेद और बैंगनी रंग की साड़ी पहनी थी, हाथों में मेहंदी, माँग में सिंदूर और माथे पर बिंदी थी। उन्होंने 19 जून को तुर्की के बोडरम शहर में निखिल जैन से शादी की। नुसरत जहां पश्चिम बंगाल के बसीरहाट से तृणमूल कॉन्ग्रेस के टिकट पर निर्वाचित हुई हैं।